जम्मू : जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान की सीमा से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जीरो लाइन से पाकिस्तान के साथ दोस्ती का पैगाम देते हुए कहा कि जब एकदूसरे के कट्टर दुश्मन अमरीका और ईरान हाथ मिला सकते हैं तो दक्षिण एशिया में शांति और समृद्धि के नए युग के सूत्रपात के लिए भारत और पाकिस्तान दोस्त क्यों नहीं हो सकते। पाकिस्तान के सियालकोट से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आर एस पुरा स्थित सुचेतगढ़ के दौरे पर आई मुख्यमंत्री ने अपने पिता दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद के सईद के सपने को पंख देते हुए भारत -पाकिस्तान के बीच शांति और मेलमिलाप का संदेश दिया।
दोनों देशों के बीच आपसी मेलमिलाप के ज्यादा से ज्यादा रास्ते खोलने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों के बीच सांस्कृतिक समानता इतनी गहरी है कि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। दोनों मुल्क भाईचारे से रहें इसके लिए सीमा पर्यटन जरूरी है। वाघा की तर्ज पर यहां से भी दोस्ती का पैगाम जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि पड़ोसी देश भी हमारी अच्छी भावना के अनुरूप जवाब देगा। उन्होंने मीडिया से भारत-पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक सम्बन्धों को प्रमुखता से स्थान देने का आग्रह करते हुए कहा कि यदि दोनों देशों के बीच टकराव सुर्खियां बन सकती है तो सांस्कृतिक समानता खबर क्यों नहीं बन सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वह सीआरएफ के तहत आर एस पुरा-सुचेतगढ़ को चार लेन का बनाने के लिए केंद्र से बात करेंगी। इसके लिए 44 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से प्रस्ताव तैयार है। मुफ्ती ने इसके बाद सांबा जिले में बाबा चमलियाल की दरगाह पर गईं। इस मेले पर लगने वाले वार्षिक मेले में बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर चादर और शक्कर तथा शरबत का आदान प्रदान करते हैं।
दरगाह पर माथा टेकने के बाद वह जीरो लाइन पर गईं। स्वांखा के पास बाबा सिद्ध गौरिया तीर्थस्थान के दौरे में मुख्यमंत्री ने तालाब की सफाई करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जम्मू को स्वतंत्र पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई ताकि कश्मीर में हालात खराब होने पर पर्यटक जम्मू आ सकें।
इससे पहले डोगरा शासकों की ऐतिहासिक धरोहर मुबारक मंडी के पुनरोद्धार के लिए आवंटित राशि का इस्तेमाल न होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मुबारक मंडी पार्क को विकसित करने के लिए पौधारोपरण करके इसे हरा-भरा बनाने का काम शुरू किया। इस दौरान उनके साथ वित्त मंत्री हसीब द्राबू, समाज कल्याण राज्य मंत्री आशिया नक्काश और सांसद जुगल किशोर शर्मा भी थे।