Tata Group is now bigger than Pakistan: टाटा समूह का मार्केट कैपिटल अब पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था के भी आकार से बड़ा बन गया है और टाटा ग्रुप को जो नई वैल्यू है, वो पूरे पाकिस्तान की कुल जीडीपी से ज्यादा बन गई है।
टाटा ग्रुप की कई कंपनियों ने एक साल में भारी भरकम कमाई की है, जिसकी वजह से पूरे ग्रुप का जो नया साइज बना है, वो पाकिस्तान की जीडीपी से ज्यादा हो गया है। टाटा ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन अब 365 अरब डॉलर हो गया है, जबकि पाकिस्तान की जीडीपी सिर्फ 341 अरब डॉलर ही है।
सिर्फ इतना ही नहीं, टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), जिसका बाजार मूल्य 170 अरब डॉलर है, वो अब भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है, वो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की करीब आधे आकार की बन गई है।
टाटा ग्रुप की कंपनियों ने सफलता के गाड़े झंडे
टाटा मोटर्स और ट्रेंट के रिटर्न और पिछले एक साल में टाइटन, टीसीएस और टाटा पावर में देखी गई वृद्धि की वजह से टाटा ग्रुप की कैप में भारी बढ़ोतरी हुई है। टाटा की कम से कम 8 कंपनियों की संपत्ति पिछले एक साल में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।
इन कंपनियों टीआरएफ, ट्रेंट, बनारस होटल्स, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन, टाटा मोटर्स, ऑटोमोबाइल कॉर्पोरेशन ऑफ गोवा और आर्टसन इंजीनियरिंग शामिल हैं। इसके अलावा, टाटा कैपिटल, जिसे अगले साल तक अपना आईपीओ लाना है, उसका बाजार मूल्य भी करीब 2.7 लाख करोड़ रुपये है।
संघर्ष कर रही है पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान की जीडीपी में वित्त वर्ष 2012 में 6.1% की वृद्धि दर्ज की गई थी, जबकि वित्त वर्ष 2011 में 5.8% और वित्त वर्ष 23 में उसके काफी होने का अनुमान है। 2022 में आई बाढ़ से देश में कुल मिलाकर अरबों डॉलर का भारी नुकसान हुआ। वहीं खराब सरकारी नीतियों की वजह से पाकिस्तान के ऊपर कुल 125 अरब डॉलर का कर्ज हो गया है। पाकिस्तान पिछले साल ही अपने विदेशी कर्ज का भुगतान करने में चूक कर सकता था, लेकिन जून महीने में कर्ज चुकाने की आखिरी तारीख, 30 जून को उसका समझौता आईएमएफ के साथ हो गया और देश डिफॉल्ट करने से बच गया। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान का 3 अरब डॉलर का कार्यक्रम भी अगले महीने खत्म हो रहा है, जबकि देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 8 अरब डॉलर बचा है, जबकि उसे सिर्फ इस साल 25 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है।