हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को माता सावित्रीबाई फुले की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें सामाजिक न्याय, समानता और सभी के लिए शिक्षा के लिए एक अथक योद्धा के रूप में याद किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने माता सावित्रीबाई फुले की स्थायी विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और समाज के कमजोर वर्गों के पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की वकालत की। उन्होंने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले न केवल भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा और सशक्तिकरण की किरण भी थीं। शिक्षा और सामाजिक सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आज हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
राज्यपाल ने नागरिकों से उनके जीवन से सीख लेने और एक समावेशी और न्यायसंगत समाज को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने का आह्वान किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पहल का समर्थन करके माता सावित्रीबाई फुले की विरासत को मनाने का आग्रह किया।