SIMI Banned : गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बार फिर से स्टूटेंड इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि यह संगठन देश की अखंडता, शांति, सौहार्द और कानून व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ऐसे में यह बहुत अनिवार्य है कि इस आतंकी संगठन पर कि इस पर प्रतिबंध बरकरार रखा जाए।
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर पोस्ट लिखा है। इसमें कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंक के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति है। इसे ध्यान में रखते हुए सिमी पर प्रतिबंध पांच साल तक के लिए बढ़ाया जा रहा है। संगठन को यूएपीए कानून के तहत गैरकानूनी और आतंकी संगठन माना जाएगा। यह संगठन देश के लिए खतरा है और कई आतंकी मामलों में लिप्त है।
2001 में लगा था पहला प्रतिबंध
सिमी पर पहली बार प्रतिबंध 2001 में लगाया गया था। यह संगठन आतंकी घटनाओं का अंजाम देता आ रहा था। कई आतंकी घटनाओं में स्लीपर सेल के रूप में कार्य करता था। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में किया गया था। यह संगठन 2005 में दो भागों में विभाजित हुआ। इसमें से सफदर नागोरी का गुट आतंकी गतिविधियों को संचालित करने लगा।
सिमी से इंडियन मुजाहिद्दीन
सिमी से ही आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का जन्म हुआ। इस संगठन के सफदर नागोरी गुट में शामिल रहे प्रमुख नेता रहे रियाज और इकबाल भटकल सबसे पहले पाकिस्तान गए और वहीं इन्होंने इंडियन मुजाहिद्दीन की स्थापना की। सिमी से आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन में परवर्तित यह लश्कर ए तैयबा के लिए काम करने लगा। इसके बाद भारत में हुए कई हमलों में इसका नाम आया।