प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रविवार (19 नवंबर) को क्रिकेट विश्वकप का फाइनल मुकाबला देखने से पहले ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने असुरक्षित और अनप्रोफेशनल (गैर-पेशेवर) नौसैनिक गतिविधि के लिए चीन की कड़ी आलोचना की और चेतावनी दी है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने शनिवार (18 नवंबर) को कहा कि उसने चीन से ऑस्ट्रेलियाई नौसेना पोत और चीनी युद्धपोत के बीच असुरक्षित और अनप्रोफेशनल आमने-सामने के लिए गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलियाई सैन्य गोताखोर घायल हुए.
क्या कहा ऑस्ट्रेलियाई डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्ल्स ने?
ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा कि एक लंबी रेंज का युद्धपोत ‘एचएमएएस टुवूम्बा’ (HMAS Toowoomba) 14 नवंबर को अपने प्रोपेलर से मछली पकड़ने के जाल को हटाने के लिए जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में डाइविंग ऑपरेशन (गोताखोरी अभियान) चला रहा था, जब यह घटना घटी.
मार्ल्स ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के एक जहाज का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा, ”जब गोताखोरी अभियान चल रहा था तो पास के क्षेत्र में काम कर रहा एक पीएलए-एन डिस्ट्रॉयर (डीडीजी-139) एचएमएएस टुवूम्बा की ओर नजदीक आ गया.”
‘ऑपरेशन के बारे में सूचित करने के बावजूद चीनी जहाज करीब आ गया’
डिप्टी पीएम ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई जहाज की ओर से डाइविंग ऑपरेशन के बारे में सूचित करने और दूर रहने का अनुरोध करने के बावजूद चीनी डिस्ट्रॉयर पास की रेंज में आ गया. इसके तुरंत बाद यह उसके पतवार पर लगे सोनार (ध्वनि तरंगों के माध्यम से चीजों का पता लगाने वाला उपकरण) को इस तरह से संचालित करते हुए पाया गया जिससे ऑस्ट्रेलियाई गोताखोरों की सुरक्षा जोखिम में पड़ गई, जिन्हें पानी से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा.
— Richard Marles (@RichardMarlesMP) November 17, 2023
मार्ल्स ने कहा, ”(चीनी जहाज का) व्यवहार असुरक्षित और गैर-पेशेवर था.” रक्षा मंत्री मार्ल्स ने कहा कि मेडिकल जांच में पता चला है कि चीनी डिस्ट्रॉयर के सोनार के कारण गोताखोरों को मामूली चोटें आई हैं.
ऑस्ट्रेलिया की चीन को चेतावनी
मार्ल्स ने कहा, ”ऑस्ट्रेलिया उम्मीद करता है कि चीन समेत सभी देश अपनी सेनाओं को पेशेवर और सुरक्षित तरीके से संचालित करेंगे.” उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई सैन्य कर्मियों की सुरक्षा और भलाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया में चीनी दूतावास ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.