राष्ट्रपति जो बाइडेन के इजराइल दौरे के बाद अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ये प्रतिबंध ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों को टार्गेट करने के लिए लगाए गए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसकी जानकारी दी है।
ट्रेजरी विभाग के मुताबिक अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों को सक्षम बनाने के लिए ईरान, हांगकांग, चीन और वेनेजुएला में मौजूद लोगों और कंपनियों पर बुधवार को नए प्रतिबंध लगाए।
बाइडेन प्रशासन ने कहा कि उसने कथित तौर पर ईरान की मिसाइलों और ड्रोन के उत्पादन और प्रसार का समर्थन करने के लिए ईरान, चीन और वेनेजुएला में स्थित 11 व्यक्तियों, 8 संस्थाओं और 1 जहाज को टार्गेट किया है।
जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें ईरान स्थित फनावरत सनत एर्टेबेट कंपनी शामिल है, जो जैमर से बचने वाले गाइडेंस सिस्टम का उत्पादन करती है। इनके दो निदेशक, आर्मिन घोरसी अनबरन और होसैन हेमसी शामिल हैं। बाइडेन प्रशासन ने नए प्रतिबंध की घोषणा एक ऐसे समय में की है, जब 2015 से ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर लगे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध समाप्त हो गए।
बाइडेन प्रशासन ने ईरान को बैलिस्टिक मिसाइलों या ड्रोन से संबंधित भागों या प्रौद्योगिकी को बेचने या प्राप्त करने से रोकने के लिए नए प्रतिबंधों और अन्य उपायों की घोषणा की है। यह घोषणा तब हुई है जब अमेरिका ने ईरान पर 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है। अमेरिका ने तेहरान पर हमास समूह के आतंकवादियों को प्रशिक्षण और हथियारों से मदद पहुंचाने का आरोप लगाया। अमेरिका विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम ईरान के मिसाइलों और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) के प्रसार को लेकर बहुत चिंतित हैं। और हम कार्रवाई कर रहे हैं। यह हमेशा की तरह एक बिजनेस नहीं है, हम ईरानी खतरे के बारे में स्पष्ट हैं।” रूस ने कहा है कि वह अब बुधवार को समाप्त हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों से बंधा नहीं है, हालांकि उसने यह संकेत नहीं दिया है कि वह ईरान की मिसाइल परियोजनाओं को प्रौद्योगिकी या सहायता प्रदान करने का विकल्प चुनेगा या नहीं।