भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले सालों में तेजी से बढ़ेगी। देश 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। जेपी मॉर्गन के एशिया पैसेफिक इक्विटी रिसर्च के डायरेक्टर जेम्स सुलिवान का दावा है कि 2030 में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर सात लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि भारत के निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी होगी।
फिलहाल भारत का निर्यात 500 अरब डॉलर से कम है और इसके बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी का आकार बढ़ने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का बड़ा हाथ होगा। अभी भारत की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 17 फीसदी है। इसके 25 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है।
बार्कलेज ने चीन से आगे निकलने के लिए दी थी भारत को यह सलाह
जेम्स सुलिवान ने कहा कि कई चीजें लंबी अवधि के लिए भारत के मजबूत होने का संकेत दे रही हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के ओवरऑल स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आने वाला है। ऐसे में कई सेक्टर के लिए बड़े मौके होंगे। हमारा मानना है कि भारत मजबूत बाजार होगा। इस महीने की शुरुआत में बार्कलेज ने कहा था कि अगर भारत ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बनना चाहता है तो उसे सालाना आठ फीसदी की वृद्धि हासिल करनी होगी और चीन से आगे निकलना होगा।
सालाना 6 फीसदी की विकास दर
बार्कलेज के एनालिस्ट के मुताबिक भारत की विकास दर अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा रही है। महंगाई दर कम होने के साथ भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत छह फीसदी की विकास दर के रास्ते पर दिखाई दे रहा है। दुनिया के कई देश मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। बार्कलेज के मुताबिक भारत की विकास दर में स्थायित्व दिखाई दे रहा है। मीडियम टर्म में भारत सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में दिख रहा है।