बहन-बेटियों को बार-बार किया जा रहा है अपमानित
अंबाला में अपनी बात सुनाने पहुंची आंगनबाड़ी वर्कर को चार घंटे रखा हिरासत में
चंडीगढ़, 18 सितंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जनसंवाद कार्यक्रम जन अपमान कार्यक्रम बनते जा रहे है, जहां पर सवाल करने वालों को अपमानित किया जा रहा है, इना ही नहीं इस कार्यक्रम बहन-बेटियों को बार बार अपमानित किया जा रहा है, अपनी मांगें लेकर अंबाला जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने चार घंटे तक अपनी हिरासत में रखा। इसका अंजाम मौजूदा सरकार को आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता सिखाकर रहेगी।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जनसंवाद कार्यक्रम में जनता की शिकायतें सुनने नहीं जा रहे है बल्कि राजनीतिक नब्ज टटोलने जा रहे हैं जब भी कोई चुभने वाला सवाल या सरकार की पोल खोलने वाला सवाल किसी फरियादी द्वारा पूछा जाता है तो उसे पुलिस उठाकर बाहर कर देती है। मई माह में सिरसा जिला में हुए एक कार्यक्रम में महिला सरपंच की बात सुनने के बजाए उसे खरी खरी सुनाई तो महिला ने अपनी चुनरी उतारकर सीएम के कदमों में यह कहते हुए डाल दी कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ नारा झूठा है।
उन्होंने कहा कि एक कार्यक्रम में एक बुजुर्ग महिला ने नशा मुक्ति को लेकर सवाल उठाया था क्योंकि उसका पुत्र नशे का शिकार हो गया था तो सीएम ने उसकी बात सुनने के बजाए कहा था कि- अब रूक जा, बैठ जा, कही से सिखाकर भेजी हुई, फिर चुपकर। एक कार्यक्रम में सवाल उठा रहे एक व्यक्ति को लेकर सीएम ने पुलिस से कहा था कि – राजनीति मत करने दो इसको, ये राजनीति करने वाला है, ये फलां राजनीतिक दल का कार्यकर्ता है, इसक ो उठाकर पिटाई करो बाहर करो। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की भाषा एक मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देती। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से तुगलकी फरमान जारी किए जाते है, बात बात पर पुलिस पहरा लगा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिस का राज है, जनता को परेशान किया जाता है। विपक्ष, कर्मचारी और किसान सरकार के निशाने पर है जरा जरा सी बात पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है उन्हें कभी भी हिरासत में ले लिया जाता है। उन्होंने कहा कि रविवार को अंबाला में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में सादा वर्दी में अपनी बात रखने पहुंचे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने शाम चार बजे ही उठाकर अपनी हिरासत में लिया था और आठ बजे जाकर उन्हें छोड़ा था, वे जनसंवाद कार्यक्रम में अपनी बात और मांग रखने जा रही थी इसमें गलत क्या था, अगर जनसंवाद कार्यक्रम में कोई अपनी बात नहीं रख सकता तो इस प्रकार के कार्यक्रम रखकर नाटक करने की जरूरत ही क्या है। उन्होंने कहा कि सरकार के उत्पीड़न का शिकार जनता आने वाले चुनाव में सरकार को सबक सिखाकर रहेगी।