नई दिल्ली। रिटायर्ड सेना के जवानों को केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज ओआरओपी की आधिकारिक घोषणा कर दी है। पर्रिकर ने कहा कि सरकार अपने सेना के जवानों का सम्मान करती है। हमें अपनी सेना पर गर्व है और हम अपने सैनिको के योगदान को कभी भुला नहीं सकते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले चार दशक से ओआरओपी का मामला अधर में लटका था। फरवरी 2014 में यूपीए सरकार ने कहा था कि यह योजना लागू होगी लेकिन इसके लिए किसी तरह का खाका नहीं बताया गया था।
जिसके चलते सरकार को काफी समस्याये आ रही थी इसे लागू करने में इस मामले में आर्थिक और तकनीकी दिक्कते थी जिसके चलते इसमें थोड़ा समय लगा । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई मौकों पर कहा था कि सरकार इस योजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना को लागू करने के लिए 8000 से 10000 करोड़ रुपए का खर्च आयेगा चार किश्तों में सेना के जवानों को पेंशन की किश्ते बांटी जाएंगी। यह योजना 1 अप्रेल 2014 से लागू होगा। बेस इयर 2014 होगा। स्वेच्छा से रिटायरमेंट लेने वाले सैनिकों को ओआरओपी का लाभ नहीं मिलेगा।
हर पांच साल में पेंशन का रिवाइज किया जाएगा। ओआरओपी की समीक्षा के लिए ज्युडिशियल कमेटी बनायी जाएगी जो 6 महीने में अपनी रिपोर्ट इस पूरे मामले पर देगी। सैनिको की विधवाओं को एक बार में पेंशन की किश्ते दी जायेंगी। पिछली सरकार ने सिर्फ 500 करोड़ रुपए ओआरओपी के लिए आवंटित किया था जिसके चलते इसे लागू करना संभव नहीं था। ओआरओपी की सबसे बड़ी समस्या यह थी जो जवान वीआरएस लेते हैं उन्हें पेंशन किस आधार पर दें।