Manipur Violence: कुछ दिनों की शांति के बाद मणिपुर में फिर हिंसा हुई है। मणिपुर पुलिस के मुताबिक दोन पक्षों के बीच हुई भीषण गोलीबारी में एक व्यक्ति की जान चली गई जबकि एक अन्य घायल हुआ है।
कुकी और मेतई समुदाय के बीच मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा लगभग 4 महीने बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे सभी कदम बेअसर साबित हो रहे हैं। आज मंगलवार को राज्य के बिष्णुपुर जिले में दो पक्षों के बीच घंटो गोलीबारी हुई। इस घटना के बाद मणिपुर पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच हुई भीषण गोलीबारी हुई जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है।
तलाशी अभियान में चार गिरफ्तार
हिंसा रोकने के लिए सबसे पहले जरुरी है कि प्रशासन और असम राइफल्स के जवान उपद्रवियों पर लगाम लगाए। उनके पास जो हथियार है उसे जब्त करे। इसलिए बड़े स्तर पर मणिपुर पुलिस तलाशी अभियान चला रही है। मंगलवार को पुलिस द्वारा चलाए गए अलग-अलग अभियानों में कई संगठनों के चार उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से बड़ी मात्र में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
विवाद का कारण जानिए
कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है, लेकिन मैतेई अनूसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं। नागा और कुकी का साफ मानना है कि सारी विकास की मलाई मूल निवासी मैतेई ले लेते हैं। आजादी के समय कुकी समुदाय के लोग मात्र 4 प्रतिशत थे लेकिन बाद में इनकी आबादी एकाएक बढ़ी।
मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने मौजूदा हालात के लिए म्यांमार से घुसपैठ और अवैध हथियारों को ही जिम्मेदार ठहराया है। करीब 200 सालों से कुकी को स्टेट का संरक्षण मिला। बाद में अधिकतर ने इसाई धर्म स्वीकार कर लिया जिसका फायदा मिला और एसटी स्टेटस भी मिला। अब सारा बवाल इसी मामले को लेकर मचा है।