भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली 2023 में अपने करियर के चौथे वनडे विश्व कप में खेलने के लिए तैयार हैं। भारत को 10 साल हो गए हैं, जब से उन्होंने कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीती है और फैंस अक्टूबर और नवंबर में भारत में होने वाले वनडे विश्व कप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
टीम इंडिया एशिया कप के लिए बेंगलुरु में ट्रेनिंग कैम्प में है, जहां एक कार्यक्रम में कोहली ने अपने शानदार करियर के बारे में खुलकर बात की, जिसमें उन्होंने 2011 के वनडे विश्व कप की जीत को अपने करियर का शिखर बताया।
कोहली ने खुलासा किया कि 2011 में जीत उनके लिए एक बेजोड़ खुशी और संतुष्टि का पल लेकर आई। हालांकि कोहली केवल 23 साल के थे, जब भारत ने घरेलू मैदान पर विश्व कप का खिताब जीता था। उस दौरान तमाम हाइलाइट्स सचिन, युवराज, धोनी जैसे महान सीनियर खिलाड़ी ले गए थे।
फिर भी अपनी युवावस्था के बावजूद, उन्होंने टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब उन्होंने नौ मैचों में 282 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था। कोहली ने पीटीआई के हवाले से कहा, “मेरे करियर का सबसे बड़ा उभार निश्चित रूप से 2011 में विश्व कप जीतना है। मैं उस समय 23 साल का था और शायद मैं इसका महत्व नहीं समझ पाया था। लेकिन अब 34 साल की उम्र में, जब कई विश्व कप खेले हैं, जो हम नहीं जीत सके हैं, इसलिए, मैं सभी सीनियर खिलाड़ियों (2011 में) के इमोशंस को समझता हूं।”
वह सचिन तेंदुलकर के लिए मह्त्वपूर्ण था, जो अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे थे। मुंबई में, तेंदुलकर के गृहनगर में विश्व कप जीतना पूरी टीम के लिए एक सपना सच हो गया था।
इस पर कोहली ने कहा, “सचिन तेंदुलकर के लिए और भी अधिक भावुक था, क्योंकि यह उनका आखिरी विश्व कप था। उन्होंने तब तक कई विश्व कप खेले थे और मुंबई में, अपने होम सिटी में इसे जीतना उनके लिए बहुत खास था। यह सपनों के सच होने जैसी चीजें थी।”
तब सोशल मीडिया का ऐसा जमाना नहीं था। भयंकर दबाव के बावजूद, टीम जब सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब प्रदर्शन करने में कामयाब रही। कोहली ने सीनियर खिलाड़ियों की सराहना की कि वे तनाव को संभालने और टीम को जीत की ओर ले जाने में कामयाब रहे। कोहली के शब्दों में, जीत की रात “कुछ जादुई” थी।