टेस्ट क्रिकेट में 300 रन बनाना ज्यादातर बल्लेबाजों का सपना होता है। इसलिए टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। किसी भी बल्लेबाज को लंबी पारी खेलने के लिए धैर्य और नियंत्रण रखने की जरूरत होती है।
कभी कभी इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी किस्मत की भी जरूरत होती है। क्रिकेट कोई व्यक्तिगत खेल नहीं है। एक बल्लेबाज को लंबी पारी के लिए एक अच्छी और लंबी साझेदारी भी बनानी पड़ती है। आज हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ बल्लेबाज की जो तिहरा शतक बनाने के बेहद करीब आ गए थे, लेकिन अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए।
एबी डिविलियर्स
एबी डिविलियर्स मॉडर्न ज़माने के सबसे घातक बल्लेबाज माने जाते हैं, खासकर लिमिटेड ओवर प्रारूप में, लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट में भी एक शानदार बल्लेबाज रहे हैं, जहां उनका औसत 50 से अधिक है। दक्षिण अफ्रीका के इस खिलाड़ी के नाम 22 शतक हैं और दो बार उन्होंने दोहरे शतक लगाए हैं।
2010 में दक्षिण अफ्रीका के यूएई दौरे के दूसरे टेस्ट में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। दक्षिण अफ्रीका ने लगातार तीन विकेट गंवाए लेकिन बाद में पारी को सम्हाला कैलिस और डिविलियर्स ने। कैलिस 105 के स्कोर पर आउट हो गए लेकिन डिविलियर्स टिके रहे। उन्होंने मोर्ने मोर्कल के साथ आखिरी विकेट के लिए 107 रन की साझेदारी की। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने डिविलियर्स के 278 रन नाबाद पर 584/9 पर पारी घोषित करने का फैसला किया।
जावेद मियांदाद
इस लिस्ट में अगला नाम है पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज और महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद का। भारत के 1983 के पाकिस्तान दौरे के चौथे टेस्ट में, पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की और मुदस्सर नज़र और जावेद मियांदाद के दोहरे शतकों के दम पर 581/3 का विशाल स्कोर बनाया। नज़र ने 444 गेंदों पर 231 रन बनाए और मियांदाद ने 460 गेंदों पर नाबाद 280 रन बनाए। वह ट्रिपल रन बना सकते थे, मगर फिर बाद में उस समय के पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने पारी घोषित कर दी।
पीटर मे
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान पीटर मे ने वेस्ट इंडीज के 1957 के यूके दौरे के पहले टेस्ट के दौरान शानदार कप्तानी का प्रदर्शन किया। एक चुनौतीपूर्ण बर्मिंघम पिच पर, मे ने तीसरी पारी में सटीक और मेहनती कैरेबियाई गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी की। वेस्टइंडीज के तेज तरार और खतरनाक गेंदबाजों का पीटर मे ने जमकर सामना किया और एक शानदार पारी खेली। उस समय वह आसानी से तिहरा शतक लगा सकते थे, हालांकि, उन्होंने 285 पर बल्लेबाजी करते हुए चौंकाने वाली घोषणा की और पारी घोषित कर दी। यह मैच अंत में ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।