PM`S security protocol : पंजाब के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बुधवार को चूक का मामला आज सामने आया है। पंजाब के दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी के मार्ग को जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरुद्ध कर दिया, जहां से उन्हें गुजरना था और इस कारण वह एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसे रहे।
इसके चलते, प्रधानमंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा। बाद में फिरोजपुर में उनकी एक प्रस्तावित रैली व विकास योजनाओं के शिलान्यास संबंधी कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। इस घटना पर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से इस चूक के लिए एक रिपोर्ट मांगी है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई को कहा है। इस सुरक्षा चूक के बाद, पीएम बठिंडा एयरपोर्ट पर वापस लौट आए।
पीएम की कड़ी सुरक्षा का कड़ा प्रोटोकॉल होता है, ऐसे में जब उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है तो ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का क्या प्रोटोकॉल होता है।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी की जिम्मेदारी
– देश केप्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की होती है।
– पीएम की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री के साथ लगभग 100 लोगों का एक दल होता है।
– जब प्रधानमंत्री चलते हैं, तब भी वे वर्दी के साथ-साथ सिविल ड्रेस में एनएसजी के कमांडो से घिरे होते है।
– प्रधानमंत्री को 24 घंटे सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की होती है।
– पीएम के दौरे वाले स्थानों पर एसपीजी के विशेष प्रशिक्षित निशानेबाज कमांडों को तैनात किया जाता है.
– पीएम के काफिले के ठीक आगे और पीछे पुलिस के सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां होती है।
– बाईं और दाईं ओर दो और वाहन होते हैं और बीच में प्रधानमंत्री का बुलेटप्रूफ वाहन होता है।
– पीएम के काफिले में 2 बख्तरबंद BMW 7 सीरीज सेडान, 6 BMW X5 और एक मर्सिडीज बेंज एंबुलेंस के साथ एक दर्जन से अधिक वाहन रहते है।
– हमलावरों को गुमराह करने के लिए काफिले में प्रधानमंत्री के वाहन के समान दो डमी कारें शामिल होती है।
– जैमर के साथ एक एक टाटा सफारी भी पीएम के काफिले के साथ चलती है।
– जैमर वाहन के ऊपर कई एंटेना होते है।
– जैमर सड़क के दोनों ओर रखे गए बमों को 100 मीटर की दूरी पर डिफ्यूज करने में सक्षम है।
– इन सभी कारों पर NSG के सटीक निशानेबाज तैनात रहते है।
– एसपीजी शूटर एक सेकेंड के अंदर आतंकियों को ढेर में सक्षम होते है।
– इन जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के तय मानदंडों के अनुसार ट्रेनिंग दी जाती है।
– एसपीजी के पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे अत्याधुनिक हथियार होते है।
ये वीआई का रूट प्रोटोकॉल
– वीआईपी की यात्रा के दौरान हमेशा कम से कम दो रास्ते तय किए जाते हैं
– तय किए गए इन रास्तों की जानकारी पहले से किसी को नहीं होती है
– वीआईपी मूवमेंट में अंतिम समय में एसपीजी ही रूट तय करती है
– एसपीजी किसी भी समय रूट बदल सकती है।
– एसपीजी और संबंधित राज्य की पुलिस के बीच समन्वय होता है।
– वीआईपी के मूवमेंट से पहले राज्य की पुलिस से रूट क्लियरेंस मांगा जाता है
– पुलिस रूट क्लियर करती है, इसके बाद वीआईपी का काफिला बढ़ता है