नई दिल्ली : राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे वीवीआईपी के सफर के लिए 8000 करोड़ रुपये में एयरक्राफ्ट खरीदे गए हैं। इसे लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार की आलोचना की है। हालांकि इसका फैसला 10 साल पहले 2011 में यूपीए सरकार के दौरान ही हुआ था। जानकारी सामने आई है कि वीवीआईपी विमानों का प्रोक्युरमेंट प्रॉसेस यूपीए सरकार के दौर में ही शुरू हुआ था मोदी सरकार ने उसे बस तार्किक अंजाम तक पहुंचाया है। अभी भारत में वीवीआईपी की यात्राओं के लिए एयर इंडिया के जम्बो जेट्स का इस्तेमाल होता है जो 25 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। ये विमान न सिर्फ लंबी दूरी की यात्राओं के लिए मिसफिट हैं बल्कि तेल भरने के लिए इन्हें रूट में रुकना पड़ता है।
राहुल गांधी ने बोला था हमला
राहुल गांधी ने इन विमानों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला था। राहुल गांधी ने मंगलवार को पंजाब के नूरपुर में कहा था कि एक तरफ पीएम मोदी ने 8 हजार करोड़ में 2 एयरक्राफ्ट खरीदे हैं. दूसरी तरफ, चीन हमारी सीमाओं पर है हमारे सुरक्षा बल सरहदों की हिफाजत के लिए भीषण ठंड का सामना कर रहे हैं।’
2011 में शुरू हुई प्रक्रिया
यह विमान भले ही भारत को अब मिले हों लेकिन इनकी प्रक्रिया करीब 10 साल पहले ही शुरू हो गई थी. वीवीआईपी की यात्रा के लिए इन दोनों विमानों के प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई थी जब ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के निर्देशों पर मीटिंग ऑफ कमिटी सेक्रटरीज (CoS) की बैठक हुई थी. उसमें यह फैसला किया गया कि वीवीआईपी एयरक्राफ्ट्स के लिए उपलब्ध विकल्पों को एक इंटर-मिनिस्ट्रियल ग्रुप (IMG) एग्जामिन करेगी। तब वीवीआईपी एयरक्राफ्ट्स के लिए 2 विकल्प सुझाए गए। मौजूदा B777 ER विमान को वीवीआईपी के लिए कन्वर्ट किया जाए या फिर नए एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाए जिसका एयर फोर्स ने ऑर्डर तो दे दिया था लेकिन उनकी डिलिवरी नहीं हुई थी। बाद में मौजूदा विमानों में जरूरी बदलावों का फैसला किया गया. मोदी सरकार ने इन वीवीआईपी एयरक्राफ्ट के प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया को पूरा किया।
गुरुवार को भारत पहुंचे वीवीआईपी विमान
वीवीआईपी की यात्राओं के लिए विशेष तौर पर बनाए गए एयरक्राफ्ट गुरुवार को अमेरिका से भारत पहुंचे। दोनों एयरक्राफ्ट 2018 में कुछ समय के लिए एयर इंडिया के कमर्शल फ्लीट का हिस्सा थे मगर बाद में उन्हें वीवीआईपी के सफर के लिए विशेष तौर पर पुनर्निर्मित करने के लिए अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग को भेज दिया गया। इन विमानों में जरूरी बदलावों पर करीब 8400 करोड़ रुपये का खर्च आया है। ये विमान अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस हैं। इन विमानों को इंडियन एयर फोर्स के पायलट चलाएंगे न कि एयर इंडिया के। अब तक वीवीआईपी एयरक्राफ्ट्स को एयर इंडिया के पायलट चलाते रहे हैं।