नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश (UP) के हाथरस में युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। आरोपियों के वकील एपी सिंह अब इस मामले की पैरवी करेंगे। मीडिया से बात करते हुए वकील ने पीड़िता के परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एपी सिंह का कहना है कि पीड़िता को उसके भाई ने मारा है।
मेडिकल रिपोर्ट्स में बलात्कार की पुष्टि नहीं- वकील
हाथरस घटना में बढ़ती राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि मामले में नेताओं की दंखलदाजी के बाद रेप की एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इसके साथ ही वकील का कहना है कि पीड़िता के साथ मेडिकल रिपोर्ट्स में बलात्कार की पुष्टि नहीं की गई है। उन्होंने कहा की पीड़िता और उसकी मां के शुरुआती बयानों में भी रेप का जिक्र नहीं किया गया था। उन्होंने इन्हीं मुद्दों के चलते इस केस को लड़ने का निर्णय लिया है।
पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर कही ये बात
पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शव के साथ हाथरस प्रशासन ने जो कुछ भी किया वो मानवाधिकारों के खिलाफ है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया गया है। सिंह का कहना है कि क्षत्रिय संगठनों ने बताया किया घटना में जबरन रेप का आरोप लगाया गया है आरोपियों को बदनाम करने की बड़ी साजिश रची जा रही है। संगठनों और अभियुक्तों के परिजनों के आग्रह पर ही उन्होंने यह केस लड़ने का फैसला लिया है।
सीमा समृद्धि कुशवाह लड़ेंगी पीड़िता का केस
निर्भया घटना के दोषियों को फांसी की सजा दिलाने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाह हाथरस पीड़िता के साथ हुए सामूहित दुष्कर्म और हत्या के मामले में परिवार का मुकदमा लड़ेंगी। वहीं दूसरी ओर निर्भया के दोषियों का केस लड़ने वाले वकील एपी सिंह अब हाथरस घटना के आरोपियों का मुकदमा लड़ेंगे। ऐसे में एक बार फिर एक बड़ी आपराधिक घटना को लेकर दोनों वकील आमने-सामने होंगे।