Punjab Vision 2047 Conclave: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पराली के धुएं को लेकर पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ की चुटकी ली है। पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रहे पंजाब विजन-2047 में पहुंचे सीएम मान ने कहा कि आजकल हर बात के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया जा रहा।
मरियम नवाज़ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “एक पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री है मरियम, नवाज शरीफ की बेटी। वह कह रही हैं कि मैं भगवंत मान को चिट्ठी लिखूंगी। आपका धुआं लाहौर आता है। इधर दिल्ली वाले कहते हैं कि आपका धुआं दिल्ली आ रहा है। मैंने कहा कि क्या हमारा धुआं चक्कर ही काट रहा है।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी दोस्त अरूसा आलम का नाम लिए बगैर मरियम नवाज के लिए कहा, “जो भी आता है, हमें कहने लग जाता है। तू भी चिट्ठी लिख ले। पहले एक पाकिस्तान वाली से दुखी रहे हैं, तू भी दुखी कर ले।”
उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “कबूतर के आंखें बंद करने से बिल्ली नहीं भागती। हम आयोडैक्स से कैंसर का इलाज नहीं कर सकते हैं। कैंसर का इलाज तो कीमोथेरेपी से होता है। हमें जिस तरह की समस्या है वैसे ही हल करना पड़ेगा।”
‘प्रदूषण पर न हो ब्लैम गेम वाली राजनीति’
वायु प्रदूषण को लेकर हो रहे सियासी वार पलटवार पर सीएम मान ने कहा कि “वायु प्रदूषण के मामले में कोई ब्लेम गेम नहीं होना चाहिए। इस समस्या का समाधान दूसरे राज्यों के सहयोग से निकाला जाना चाहिए। क्योंकि प्रदूषण की समस्या बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में ज्यादा है। इसलिए इस समस्या का समाधान भी साथ बैठकर निकाला जाना चाहिए।
‘पराली मैनेजमेंट में केंद्र सरकार असफल’
इससे पहले पंजाब के CM भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर पराली मैनेजमेंट में राज्यों की मदद करने में फेल रहने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को कोई प्रोत्साहन या सहायता नहीं प्रदान की गई। पाकिस्तान के पंजाब की सरकार कह रही है कि हमारा धुआं उनकी तरफ से आ रहा है। कुछ लोग कह रहे हैं कि हमारे पंजाब का धुआं दिल्ली की तरफ जा रहा है।
पंजाब को चावल और गेहूं के चक्कर से निकाला जाए- भगवंत मान
सीएम मान ने पंजाब की पारंपरिक खेती में बदलाव की वकालत की। मान ने कहा, चावल हमारी ख़ुराक का हिस्सा नहीं हैं, पर फिर भी हम देश को पैदा करके दे रहे हैं, जिससे पंजाब की ज़मीन के नीचे का पानी का स्तर और नीचे जा रहा है। देश को जो चाहिए हम पैदा करके देने को तैयार हैं, लेकिन हमें इस चावल और गेहूं के चक्कर से निकाला जाए।