आईएएनएस, हुबली। कर्नाटक में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के कथित घोटाले मामले को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ कर दिया कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है और वह इस्तीफा नहीं देंगे।
गौरतलब है कि मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सहमति दे दी है, जिसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की थी। कर्नाटक बीजेपी ने चेतावनी देते हुए कहा है कि वह तब तक आंदोलन करती रहेगी, जब तक सिद्धारमैया मुख्यमंत्री पद से नहीं हट जाते।
इस्तीफा देने से इनकार
इस्तीफे की मांग से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने मीडिया से कहा, ‘उन्हें (विजयेंद्र) को राज्य भाजपा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। क्या मुझे अपना इस्तीफा सिर्फ इसलिए सौंप देना चाहिए, क्योंकि वह ऐसा कह रहे हैं?’
आईएएनएस के अनुसार सिद्धारमैया ने कहा, ‘मुझे इस्तीफा देना होगा क्योंकि विजयेंद्र इसके लिए कह रहे हैं? मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं क्या वह इस्तीफा देंगे?’ सीएम ने दोहराया कि उन्होंने MUDA मामले में कोई गलती नहीं की है और मामला अदालत के सामने आएगा और बहस होगी। उन्होंने कहा कि इंतजार करें और देखें कि क्या होता है। उन्होंने कोई गलती नहीं की है।
‘सरकार को अस्थिर करने की कोशिश’
मुख्यमंत्री ने हुबली में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘कल हमारे सभी विधायक, सांसद और एमएलसी केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व भाजपा मंत्री मुरुगेश निरानी, शशिकला जोले, और जनार्दन रेड्डी के खिलाफ मामलों की जानकारी लेने के लिए राज्यपाल से मिलेंगे, जो लंबे समय से लंबित हैं।
सिद्धारमैया ने भाजपा और जद-एस पर उन्हें निशाना बनाने और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘उन सभी मामलों में जांच हो चुकी है और आरोप पत्र लंबित है। मेरे मामले में, कोई जांच नहीं है, कोई रिपोर्ट नहीं है। केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी के मामले में जांच एजेंसी जांच के बाद राज्यपाल से आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांग रही है।’
हाईकमान का मिला सपोर्ट
इस बीच, कांग्रेस आलाकमान ने सीएम सिद्धारमैया के प्रति अपना समर्थन दिखाते हुए ऐलान किया है कि वह किसी भी स्थिति में उनके साथ खड़े रहेंगे। MUDA मामले में उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने के बाद सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश के खिलाफ एक रिट याचिका भी दायर की है। इस बीच कर्नाटक हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ विशेष अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।