हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में एक अक्टूबर को मतदान व चार अक्टूबर को मतगणना है। हर किसी पार्टी ने जीत के लिए विशेष रणनीति बनाई है। भाजपा का फोकस एससी वंचितों की 52 फीसदी आबादी पर है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा की दस में पांच सीटें भाजपा हार गई थी। लोकसभा की दोनों रिजर्व सीट भी कांग्रेस के हाथ में आई थी। लोकसभा चुनाव आधी सीटें गंवाने के बाद मंथन करने पर पता चला कि लोकसभा चुनाव 2024 में एससी वोटर भाजपा से छिटक गया।
लोकसभा चुनाव 2024 के पांच माह बाद ही हरियाणा विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। इनमें भाजपा लोकसभा चुनाव वाला जोखिम नहीं लेना चाहती ताकि लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने की कोशिश सफल हो सके।
लोकसभा चुनाव 2024 में विधानसभा की आरक्षित 17 में से 13 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार पीछे रहे थे। ऐसे में अब भाजपा ने विधानसभा चुनाव में एससी मतदाताओं पर विशेष फोकस किया है। पार्टी में ने एससी में भी वंचित 36 जातियों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में एससी वर्ग के मतदाताओं को लुभाने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही। इसकी एक बानगी तब भी देखने को मिली जब कैबिनेट में 17 अगस्त को ही वंचित जातियों को नौकरी में एससी के 20 प्रतिशत कोटे से 50 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को देखते हुए पिपली में 26 अगस्त को प्रदेश स्रतीय दलित सम्मान स्वाभिमान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें भाजपा पार्टी का बैनर नहीं होगी। हालांकि मनोहर लाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि एससी में चमार, जाटव, रेहगर, रैगर, रामदासी, रविदासी, बलाही, बटोई, भटोल, भांबी, जाटवा, मोची व रामदासिया आदि जाति शामिल है।
16 अगस्त को भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा व जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा की। हरियाणा की सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में 1 अक्टूबर को मतदान व 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।