Rajasthan News: लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में कांग्रेस और विपक्ष मजबूत हो गया है। अब कांग्रेस भजनलाल सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी ने सरकार पर शिकंजा कसने के लिए शैडो केबिनेट बनाने का फैसला किया है।
इसमें पार्टी के वरिष्ठ और युवा विधायकों को शामिल किया जाएगा। शैडो केबिनेट के जरिए कांग्रेस विभागवार सरकार के कामकाज का आकलन करेगी।
जानिए क्या होती है शैडो कैबिनेट
शैडो केबिनेट में पार्टी के वरिष्ठ और युवा विधायकों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दी जाएगी। अनुभवी विधायकों के साथ ही पहली बार के विधायकों को शैडो मंत्री बनाया जाएगा। विधायकों को ठीक उसी तरह विभाग बांटे जाएंगे। जैसे सरकार अपनी कैबिनेट में बांटती है।
सरकार के कामकाज का करेंगे आकलन
विपक्ष द्वारा शैडो केबिनेट में विधायकों को जो विभाग आवंटित किए जाएंगे। वह उस पर नजर रखेंगे। शैडो केबिनेट के मंत्री विभागों से जुड़े दस्तावेज इकट्ठे करेंगे। इसके बाद संबंधित विभाग यदि किसी योजना में बदलाव करती है या गड़बड़ी होती है तो उसके सबूत जुटाकर विधानसभा और बाहर उसे मुद्दा बनाएंगे। शैडो केबिनेट की समय-समय पर बैठकें भी होगी। जिसमें सरकार को घेरने के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
सदन में मंत्रियों को घेरने का काम करेंगे
शैडो केबिनेट की मंत्री विभागों के कामकाज का आकलन कर संबंधित विभाग के मंत्री को सदन में घेरने का प्रयास करेंगे। सदन में उस मुद्दे को उठाया जाएगा जो विभाग शैडो कैबिनेट में संबंधित विधायक को दिया गया है।
इन नेताओं को मिलेगी जिम्मेदारी
कांग्रेस की शैडो केबिनेट में पार्टी के बड़े चेहरों को भी शामिल किया जाएगा। शैडो केबिनेट में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट, शांति धारीवाल, अर्जुन बामनिया, हरीश चौधरी, अशोक चांदना, दयाराम परमार, हरेंद्र मिर्धा, हरिमोहन शर्मा, राजेंद्र पारीक, हाकम अली खान, लक्ष्मण मीणा, शिखा मील, रफीक खान, रतन देवासी, भीमराज भाटी, मनीष यादव, विकास चौधरी और ललित यादव जैसे चेहरे नजर आएंगे।
पिछली सरकारों में भी बन चुकी शैडो केबिनेट
संविधान में शैडो केबिनेट को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन विपक्ष सरकार के कामकाज पर नजर रखने और उसे समय-समय पर घेरने के लिए इस तरह की व्यवस्था देता रहा है। इससे पहले भी राजस्थान में शैडो केबिनेट बनती रही है। साल 2003 में वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान भी कांग्रेस ने शैडो केबिनेट बनाई थी। उसे वक्त शैडो केबिनेट से जुड़े सीपी जोशी, संयम लोढ़ा और हरिमोहन शर्मा जैसे नेता तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार पर सदन में खूब हमलावर रहे। इसी तरह बीजेपी ने 2008 में अशोक गहलोत की सरकार के दौरान शैडो केबिनेट बनाई थी। उस वक्त गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सर्राफ, मदन राठौड़ और अशोक परनामी सहित कई वरिष्ठ विधायक शैडो कैबिनेट में शामिल रहे हैं।