UP Assembly bypolls: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है.
यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत नौ विधायकों के लोकसभा जीतने और कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद खाली हुई सीट पर चुनाव होना हैं. इन सभी 10 विधानसभा सीटों को जीत कर सीएम योगी सूबे में अपनी ताकत अहसास पार्टी के बड़े नेताओं को कराना चाहते हैं.
इसके चलते ही सीएम योगी ने अपनी सरकार के एक-एक मंत्री की ड्यूटी एक सीट पर लगाई. तीन सीटों पर दो मंत्रियों को मोर्चे पर उतार दिया हैं. जिन मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई हैं उन सभी को सीएम योगी का बेहद भरोसेमंद मंत्री माना जाता है. यह सभी इसी हफ्ते से उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में मोर्चा संभालेंगे.
हर दल में चुनावी सरगर्मी शुरू
सीएम योगी के इस फैसले के साथ ही यूपी में अब चुनावी सरगर्मी फिर से तेजी पकड़ेगी. समाजवादी पार्टी(सपा) और बहुजन समाजपार्टी (बसपा) भी जल्दी ही इन सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चयन करने के लिए बैठकें करेंगे. बसपा सुप्रीमो मायावती पहले ही यह कह चुकी हैं कि बसपा उपचुनाव में अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी.
अपना दल कमेरवादी की नेता पल्लवी पटेल ने भी यह ऐलान किया है कि उनका पीडीएम (पिछड़ा-दलित-मुसलमान) गठबंधन भी सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगा. फिलहाल अभी चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीख घोषित नहीं की है पर उत्तर प्रदेश में सभी प्रमुख दलों ने चुनावों को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत ही सीएम योगी ने अपने मंत्रियों की ड्यूटी लगाकर उन्हे विधानसभा सीटों पर बूथ स्तर तक पार्टी के संगठन को मजबूत करने का दायित्व सौंपा है.
सीएम योगी ने इन मंत्रियों की लगाई ड्यूटी
सीएम योगी ने अपनी सरकार के जिन मंत्रियों की विधानसभा सीटों पर ड्यूटी लगाई है, उन्हें हर हाल में उपचुनाव में सीट जीतने का टारगेट दिया गया है. सीएम योगी का लक्ष्य सभी दसों सीटों जीतने का है. यूपी में नौ विधायकों के सांसद बनने से जो सीटें खाली हुई हैं, उनमें करहल, मिल्कीपुर,खैर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, मीरापुर, फूलपुर और मझवां शामिल हैं.
बीते विधानसभा चुनाव में करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी सीट पर सपा, गाजियाबाद, खैर, फूलपुर पर भाजपा, मीरापुर में उसकी सहयोगी रालोद और मझवां में निषाद पार्टी जीती थी. कानपुर की सीसामऊ सीट सपा के पास थी. यानी 5 सीटें समाजवादी पार्टी के खाते की हैं जबकि, 5 सीटें बचाने की चुनौती भाजपा गठबंधन के सामने है.
जाहिर है कि एक बार फिर यूपी में भाजपा का मुक़ाबला सपा गठबंधन और बसपा के बीच होगा. इसमें संगठन को मजबूत कर सीएम ने उप चुनाव की सभी 10 सीटें जीतने की सोची है. अपनी इस मंशा की पूर्ति के लिए उन्होंने अपने मंत्रियों को चुनाव के मोर्चे पर अभी से उतार दिया है. इसके चलते ही उन्होंने कृषि मंत्री कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को मिल्कीपुर विधानसभा की ज़िम्मेदारी दी गई है.
उनके साथ में स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को भी लगाया गया है. इसी प्रकार कानपुर की सीसामऊ जीतने का दायित्व सीएम योगी ने अपने सबसे भरोसेमंद मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपा है. उनके साथ दल निषाद पार्टी के मुखिया डा. संजय निषाद को लगाया गया है.
मैनपुरी की करहल सीट की जिम्मेदारी पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को दी गई है. अम्बेडकरनगर सीट का दायित्व जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और अपना दल के आशीष पटेल को सौंपा गया है. परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को फूलपुर सीट की गई है.
मीरापुर सीट का दायित्व रालोद कोटे से मंत्री अनिल कुमार को सौंपा गया है. उनके साथ राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर को भी लगाया गया है. गाजियाबाद सीट का दायित्व मंत्री सुनील शर्मा को, मझवा सीट का दायित्व मंत्री अनिल राजभर को फूलपुर सीट का दायित्व मंत्री राकेश सचान को सौंपा गया है.