पटना. लोकसभा चुनाव के बाद बदले राजनीतिक परिस्थितियों के बीच जदयू ने दिल्ली में 29 जून यानि शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं.
इस बैठक को राजनीतिक हलकों में बेहद महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है. इस बैठक में जदयू आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन, संगठन विस्तार, संगठन में बदलाव सहित कई मुद्दों पर चर्चा कर सकती है. साथ ही जेडीयू की बैठक में कई बदलाव की घोषणा होने की संभावना भी जताई जा रही है. इस बैठक में जेडीयू सांसद संजय झा को पार्टी के अंदर महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की अगुवाई में दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय कार्य कारिणी की बैठक को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. बैठक को लेकर इस बात की भी चर्चा है कि क्या राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा किसी वरिष्ठ नेता को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है क्या ? लेकिन, जदयू का कोई भी नेता इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. इस बात की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्यों कि नीतीश कुमार के बेहद करीबी संजय झा केंद्र में मंत्री नहीं बने हैं. अब ऐसे में उन्हें पार्टी के अंदर बड़ी भूमिका देते हुए कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है ताकि बीजेपी और जेडीयू के बीच संजय झा एक महत्वपूर्ण नेता के तौर पर बेहतर तालमेल बिठा सकें.
इसी बीच संजय झा को राज्यसभा में जदयू संसदीय दल का नेता बना पार्टी ने उनकी भूमिका जदयू के साथ-साथ गठबंधन में भी बड़ी कर दी है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है जिसमें वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के साथ साथ संगठन और आने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी. लेकिन, और कौन कौन से बिंदुओं पर चर्चा होगी. इसके बारे में बेहतर ढंग से राष्ट्रीय नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बेहतर तरीक़े से बता सकते हैं.
दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू का बिहार के साथ-साथ देशभर में विस्तार कैसे हो इसको लेकर भी चर्चा हो सकती है ताकि जेडीयू राष्ट्रीय पार्टी बन सके. वहीं बिहार में भी पार्टी को मजबूत करने की पूरी कोशिश की जाएगी ताकि विधानसभा चुनाव में पार्टी का और बेहतर प्रदर्शन हो सके. केंद्र में एनडीए सरकार बनने और उस सरकार में जदयू के भी शामिल होने के बाद जदयू की पूरी कोशिश होगी कि बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या स्पेशल पैकेज जैसी मदद केंद्र से बिहार को मिल सके ताकि विधान सभा चुनाव में इसका फ़ायदा उठाया जा सके.