नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में देश की परमाणु रक्षा को लेकर पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पड़ोसी देश का दौरा किया है और जांचा है कि वह कितना शक्तिशाली है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने हाल ही में इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “उस ताकत को मैं खुद लाहौर जाकर चेक करके आया हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिशंकर अय्यर को जवाब दे रहे थे, जिन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए और अपनी सैन्य ताकत नहीं बढ़ानी चाहिए क्योंकि इससे इस्लामाबाद परमाणु हथियार तैनात करने के लिए परेशान हो सकता है।
पीएम मोदी ने 2015 में पाकिस्तानी शहर लाहौर की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने पाकिस्तान का दौरा किया था, तो कई पत्रकारों ने सवाल किया था, “हाय अल्लाह तोबा, ये बिना वीजा के आ गए।” पीएम मोदी ने कहा, “मैंने उन्हें बताया कि किसी समय यह मेरा देश था।”
पीएम मोदी ने गुरुवार को पटियाला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था और कहा कि अगर वह सत्ता में होते तो अपने सैनिकों को मुक्त करने से पहले करतापुर साहिब को पाकिस्तान से ले लेते।
पीएम मोदी ने कहा, “विभाजन के बाद करतारपुर साहिब पाकिस्तान के पंजाब में था, जो भारत की सीमा से कुछ ही किलोमीटर दूर था। 70 वर्षों तक, हम करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन केवल दूरबीन से ही कर सकते थे।” प्रधानमंत्री ने इस आरोप का भी जवाब दिया कि आतंकवादियों की ‘अज्ञात हत्यारों द्वारा लक्षित हत्याओं’ के पीछे भारत का हाथ है।
मोदी ने कहा कि वह जानते हैं कि पाकिस्तान के लोग चिंतित हैं और उनकी चिंता का मूल कारण वह हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह यह समझने में असमर्थ हैं कि भारत में कुछ लोग इस मुद्दे पर क्यों रो रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं, पाकिस्तान के लोग आजकल परेशान हैं। मैं यह भी जानता हूं कि उनकी चिंताओं का मूल कारण मैं ही हूं। लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि हमारे देश में भी कुछ लोग चिंतित हैं। वो रोते रहें समझ में आ सकता है, यहां वाले क्यों रोते हैं, मैं समझ नहीं सकता हूं।”
पीएम मोदी ने कहा, “एक सम्मानित पार्टी के नेता ने एक बार आरोप लगाया था कि यह पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब और उसके लोग नहीं थे, बल्कि हमारे ही लोगों ने हमारे ही देशवासियों को मारा था। ये वाकई दुखद है। ऐसा नेता पाकिस्तान और अजमल कसाब के पक्ष में बयान कैसे दे सकता है? जब भी मैं ऐसी कोई टिप्पणी सुनता हूं तो मेरा सिर शर्म से झुक जाता है। मुझे दुख होता है।”