दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की हैं। इसी कड़ी में आज पीएम मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की।
दोनों नेताओं ने जी 20 शिखर सम्मेलन से इतर भारत-कनाडा के विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों की पूरी श्रृंखला पर चर्चा की। इस मीटिंग में खालिस्तान उग्रवाद और विदेशी हस्तक्षेप के मुद्दे पर बात हुई है। कनाडा में अक्सर खालिस्तानियों के प्रदर्शन से लेकर भारत विरोधी पोस्टर लगाए जाने की खबरें आती रहती हैं।
इस बैठक के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी उग्रवादियों और विदेशी हस्तक्षेप के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि हमारे सामने खालिस्तान उग्रवाद और विदेशी हस्तक्षेप के दोनों मुद्दों सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, पीएम मोदी के साथ, हमने उन दोनों मुद्दों पर कई बातचीत की है। कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “मुझे लगता है कि समुदाय के मुद्दे पर, यह यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों की हरकतें पूरे समुदाय या कनाडा का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। इसका दूसरा पहलू यह है कि हमने कानून के शासन का सम्मान करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला और हमने विदेशी हस्तक्षेप के बारे में भी बात की…”
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत-कनाडा संबंधों और पीएम मोदी के साथ अपने संबंधों पर कहा, “हम मानते हैं कि भारत दुनिया में एक असाधारण रूप से महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था है और जलवायु परिवर्तन से लड़ने से लेकर विकास पैदा करने तक हर चीज में कनाडा का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। नागरिकों की समृद्धि के लिए हमेशा बहुत काम करना होता है और हम इसे करना जारी रखेंगे।”