Gyanvapi Mosque ASI Survey: इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद आज ASI की टीम ज्ञानवापी परिसर का दोबारा सर्वे हो रहा है. गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी थी जिसके बाद आज सुबह 7 बजे से ज्ञानवापी परिसर में वजू खाने को छोड़कर सर्वे का काम शुरू हो गया. इस दौरान चार महिला वादियों के साथ चार वकीलों को भी बुलाया गया है. सर्वे टीम में 51 सदस्य मौजूद हैं.
ये सर्वे ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक के जरिए हो रहा है. इसमें बिना जमीन खोदे ही 10 मीटर गहराई तक धातु व अन्य सरंचनाओं के बारे में जानकारी मिल जाती है.
ज्ञानवापी परिसर का सर्वे सुबह 7 बजे से जारी है.
इसको लेकर वाराणसी प्रशासन ने पक्षकारों और अधिवक्ताओं को पत्र भेजकर पहले से जानकारी दे दी थी. ASI की टीम 12 बजे तक सर्वे करने वाली है। इसके बाद नमाज के लिए परिसर को खाली कर दिया जाएगा। वाराणसी प्रशासन के अनुसार, इसके बाद ASI की टीम अगर चाहेगी तो शाम 3 बजे से 5 बजे तक दोबारा से सर्वे हो सकता है. मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे से खुद को अलग-थलग कर लिया है. इस दौरान न तो उनके वकील और न ही कोई पक्षकार सर्वे के दौरान उपस्थित होगा। मुस्लिम पक्ष ने शासन को एक पत्र लिखकर बता दिया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में रोक लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक वह इस सर्वे से दूर रहेगा. ASI सर्वे की टीम में IIT कानपुर के तीन विशेषज्ञ भी रहेंगे।
गौरतलब है कि गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सर्वे पर लगी रोक को हटा लिया था. कोर्ट ने जिला जज वाराणसी के 21 जुलाई 2023 के आदेश को बहाल कर दिया. इस दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि पुरातत्व विभाग एवं एएसजीआई की ओर से साफ कहा गया है कि सर्वे के वक्त निर्माण को किसी तरह की कोई क्षति नहीं पहुंचेगी.
इससे संबंधित एक हलफनामा भी दाखिल किया गया है. इस बीच सर्वे की इजाजत देने के फैसले को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस पर सुनवाई करेगी.
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से वैज्ञानिक सर्वे कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को कायम रखा है. अदालत ने कहा कि जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि द्वारा सम्मत है. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की याचिका को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे करवाना उचित है. इसमें किसी तरह का दखल देना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि एएसआई का प्रस्तावित सर्वे न्याय हित में जरूरी है. एएसआई ने हलफनामा देकर कहा है कि सर्वे के दौरान ढांचे को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. इस दौरान किसी तरह की खुदाई नहीं होगी. यह सर्वे बिना किसी नुकसान के किया जाएगा.
ASI सर्वे से संबंधित 10 अपडेट
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले बाद वाराणसी के डीएम ने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान ASI को पूरी तरह से प्रशासन सहयोग करेगा. ज्ञानवापी के 300 मीटर के दायरे में चारों तरफ से बैरिकेड लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दो आईपीएस, 4 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 इंस्पेक्टर के अलावा करीब 200 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे के खिलाफ मस्ज़िद पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. याचिका पर आज कोर्ट सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. वहीं हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता राखी सिंह भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं है. बिना हिंदू पक्ष को सुने कोई आदेश न देने की मांग की है.
ज्ञानवापी परिसर में हिंदुओं के प्रतीक चिन्हों को सुरक्षित के लिए दायर याचिका पर आज वाराणसी कोर्ट में सुनवाई है. मुस्लिम पक्ष पर प्रतीकों को नष्ट करने का आरोप लगाया है. ज्ञानवापी पर कोर्ट के फैसले का विश्व हिंदू परिषद ने स्वागत किया है. VHP नेता आलोक कुमार ने कहा, सर्वे के बाद ज्ञानवापी का सच सामने आएगा.
ज्ञानवापी मामले में एक नया मोड़ आया है. बौद्ध धर्म गुरु सुमित रतन भंते के मुताबिक ज्ञानवापी में पाए गए त्रिशूल और स्वस्तिक चिन्ह बौद्ध धर्म के हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है. कहा है कि एक शिवभक्त के नाते मैं हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं.
इत्तिहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा का विवादित बयान आया है. उनका कहना है, फव्वारे को शिवलिंग बताना ज्ञानवापी पर जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश है.
ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने वाराणसी की जिला कोर्ट के 21 जुलाई के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
हाईकोर्ट ने सर्वे का आदेश देते हुए कहा कि ASI के इस आश्वासन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ढांचा क्षतिग्रस्त नहीं होगा लेकिन साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि सर्वे के लिए किसी तरह की खुदाई नहीं का जानी चाहिए.
समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान का आरोप है कि हिंदू-मुस्लिम करके फायदा उठाना चाहते हैं. कोर्ट के फैसले का जवाब कोर्ट से ही दिया जाएगा.
21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने सर्वे का आदेश दिया था जिसके बाद 24 जुलाई को सुबह 7 बजे टीम सर्वे के लिए ज्ञानवापी पहुंची. 24 जुलाई को सुबह 10.40 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने अर्जी दाखिल की.
24 जुलाई को ही सुबह 11.45 बजे सुप्रीम कोर्ट ने ASI सर्वे पर रोक लगा दी. वहीं 25 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुस्लिम पक्ष ने याचिका दाखिल की है. 26 जुलाई को मामले में सुनवाई हुई और 27 जुलाई को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा.