हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक दंगों की आग अभी भी धधक रही है.
यहां पर केंद्र और राज्य सरकार लगातार शांति बनाए रखने का प्रयास कर रही हैं. इस बीच खबर सामने आई है कि एक महिला जज इस दंगे की आग में फंस गई थीं. इस दौरान दंगाइयों ने उनकी कार को आग के हवाले कर दिया. जज अपनी तीन साल की बच्ची के साथ थीं. किसी तरह एक वर्कशॉप में छिपकर उन्होंने अपनी जान बचाई. यह वर्कशॉप दिल्ली-अलवर रोड पर स्थित है. इस दौरान जज के ड्राइवर और गनर भी मौजूद थे. उन्हें भी किसी तरह से भीड़ से बचकर भागना पड़ा. पुलिस में दर्ज एफआईआर में इस घटना का खुलासा हुआ है.
दवा लेकर लौट रहीं थीं
एफआईआर के अनुसार, सोमवार की दोपहर करीब एक बजे एसीजेएम और उनकी तीन साल की बेटी और गनमैन सियाराम अपनी कार से दवा खरीदने के लिए निकले थे. यहां के मेडिकल कॉलेज से वे दवा खरीदकर लौट रही थीं. तभी दिल्ली-अलवर रोड पर पुराने बस स्टैंड के नजदीक 100 से 150 दंगाइयों ने उन्हें घेर लिया. उन पर हमला कर दिया.
एफआईआर के अनुसार, इस दौरान दंगाइयों ने उन पर पथराव किया. कुछ पत्थर कार के पिछले शीशे पर लगे. जज ने बताया कि बाद में हम सभी कार से उतर गए. इसके बाद हम सभी एक वर्कशॉप में छिप गए. कुछ वकीलों की मदद से हम वहां से बाहर निकल पाए. अगले दिन जब मैने कार देखी तो पता कि वह पूरी तरह से जलकर खाक हो चुकी है.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 148, 149, 435 और 307 के तहत केस दर्ज किया है. गौरतलब है कि नूंह में हिंदू संगठनों ने हर वर्ष की तरह इस बार भी 31 जुलाई को बृजमंडल की यात्रा का ऐलान किया था. प्रशासन से इसकी इजाजत नहीं दी थी. सोमवार को बृजमंडल की यात्रा के दौरान पथराव शुरू हो गया था. देखते-देखते मामला हिंसा में तब्दील हो गया. सैकड़ों कारों को आग के हवाले कर दिया गया. इस दौरान साइबर थाने पर भी हमला किया गया.