उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि यदि हम ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है, वह देखे ना।
त्रिशूल आखिर मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है। हमने तो नहीं रखे हैं ना, ज्योतिर्लिंग हैं और देव प्रतिमाएं हैं। ज्ञानवापी की दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं। मुझे लगता है कि यह प्रस्ताव मुस्लिम समाज की ओर से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और उसका समाधान होना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं बीते सवा छह साल से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। इस दौरान प्रदेश में एक भी दंगा तो नहीं हुआ। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले देखें तो कैसे चुनाव होते हैं। यूपी का नगर निगम चुनाव, पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव देखें। फिर एक बार बंगाल के चुनाव पर नजर डाल लें। वहां क्या हाल हुआ है। ये लोग देश को ही पश्चिम बंगाल बनाना चाहते हैं। कुछ लोग सत्ता में आकर व्यवस्था पर कब्जा कर लेना चाहते हैं।
पश्चिम बंगाल में कैसे विरोधी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मारा गया। इस पर कोई कुछ नहीं बोलता। यहां तक कि 1990 में जब कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हुईं, तब भी ये लोग चुप थे। योगी आदित्यनाथ ने एएनआई से बातचीत में ज्ञानवापी विवाद को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। दरअसल ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अभी सर्वे पर रोक है और 3 अगस्त को इस पर फैसला आना है। बता दें कि ज्ञानवापी के एक हिस्से को प्रशासन ने सील कर रखा है, जहां ‘शिवलिंग’ पााया गया था।