नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में सरकार और अधिकारियों के बीच तनातनी से एक बार फिर से राजनीतिक हालात बिगड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के बाद दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. वहीं, पुलिस के मुताबिक मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में उनके चेहरे पर कट का निशान और कंधे पर चोट के निशान पाए गए हैं।
इस मामले में आरोपी और आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला ने जामिया नगर थाने में सरेंडर किया है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उन्होंने अमानतुल्ला खान को गिरफ्तार किया है. उन्हें उत्तरी दिल्ली ले जाया जा रहा है, क्योंकि इस मामले में केस वहीं दर्ज है. उनकी गिरफ्तारी वहीं की जाएगी।
अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा आधी रात को अपने घर पर बुलाई गई बैठक में आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा मारपीट का आरोप लगाया। जिसके बाद कुछ विधायकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि देर रात प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन को हिरासत में लिया था. तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है. वीके जैन ने ही मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को फोन कर बैठक में आने को कहा था. पुलिस ने सुबह 7 बजे महारानी बाग में उनके घर से हिरासत में लिया था. मुख्य सचिव ने जो शिकायत दर्ज करवाई है, उसमें भी वीके जैन का नाम शामिल था।
उपराज्यपाल अनिल बैजल बुधवार को ही इस मामले की रिपोर्ट गृहमंत्रालय को सौंप दी है. दूसरी तरफ IAS अधिकारियों ने दिल्ली सरकार में किसी भी मंत्री के साथ बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक इस मुद्दे पर गृह सचिव से मुलाकात कर इस मामले की जानकारी देंगे।
दिल्ली पुलिस ने जिन विधायकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. उसमें अमानतुल्ला का भी नाम शामिल है. मंगलवार को हुए इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी, एक IAS की शिकायत पर आप विधायकों के खिलाफ और दूसरी मंत्री इमरान हुसैन की शिकायत पर सचिवालय में मारपीट करने वालों के खिलाफ।
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AAP ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
इस पूरे मामले पर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई और पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा, ‘दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि हमने राजनीति में आकर कोई गलती की है. सीएम और डिप्टी सीएम के घर पर छापे पड़ रहे हैं. हमारे 15 विधायकों को गिरफ्तार किया गया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘बलात्कार के मामले पर दिल्ली पुलिस कुछ नहीं करती है और दूसरी ओर सोमनाथ भारती के कुत्ते से पूछताछ होती है. हमारी फाइलें रोक दी जाती हैं, स्कूल और अस्पतालों के लिए जमीन नहीं दी जाती है. हमारे मंत्री को गृह मंत्री राजनाथ सिंह मिलने का समय नहीं देते. हमने केवल यही कहा था कि झारखंड की तरह दिल्ली में कोई भी अनाज की कमी से न मरे. अगर दिल्ली में कोई भूख से मरा तो अंशु प्रकाश और उपराज्यपाल से सवाल नहीं पूछा जाएगा, सवाल केजरीवाल सरकार से पूछा जाएगा।’
उन्होंने सवाल उठाया, ‘जो मुख्य सचिव कह देते हैं, क्या वह गीता का श्लोक बन जाता है? बिना किसी सबूत के उन्होंने जो भी कहा, क्या वह सही है? बातचीत राशन पर थी, जो बहस में बदल गई, यह मैं स्वीकार करता हूं. बहस गहमा-गहमी में बदल गई, मारपीट हो गई और चश्मा गिर गया. यह गलत है. रात में घटना हुई, पर उन्होंने सुबह तक कुछ नहीं किया. पुलिस नहीं बुलाई, मेडिकल नहीं कराया।
साजिश के तहत अगली सुबह भीड़ को सचिवालय में बुलाया गया. इतनी हिम्मत कि मंत्री और उनके सहयोगी पर हमला किया गया. क्या वे इस पर पर्दा डालना चाहते हैं? जिसके सबूत मौजूद हैं. क्या ये मामला गंभीर नहीं है कि मंत्रियों पर हमले हुए? क्या केंद्र सरकार दिल्ली में अराजकता फैलाना चाहती है?’ ‘
देर रात हुई प्रकाश की गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने देर रात को विधायक प्रकाश जारवाल को अरेस्ट किया. प्रकाश की गिरफ्तारी उस वक़्त हुई जब वो एक शादी में शरीक होने जा रहे थे उसी दौरान खानपुर रेड लाइट पर उन्हें हिरासत में लिया गया. सूत्रों के मुताबिक जारवाल को पहले डिफेन्स कॉलोनी थाने लाया गया बाद में उन्हें सिविल लाइन थाने लाया गया है. जारवाल का नाम एफआईआर में नहीं था, लेकिन चीफ सेकेट्ररी को दिखाई की गई तस्वीर से उनकी पहचान की गई।
दिल्ली पुलिस ने दोनों मामलों की जांच के लिए अलग से टीम बनाई है, एक टीम IAS की शिकायतों पर जांच कर रही है तो दूसरी टीम आप विधायकों की शिकायत कर जांच कर रही है।
ये है पूरा मामला
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया है कि सोमवार देर रात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया गया था. इस दौरान आम आदमी पार्टी विधायकों ने सरकारी विज्ञापन रिलीज करने का दबाव बनाया और उनके साथ मारपीट की. इस घटना के बाद मुख्य सचिव ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत दी, जिसके बाद ओखला विधायक अमानतुल्ला समेत अन्य विधायकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
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दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले में आरोप दूसरे विधायकों की भी तलाश की जा रही है. बता दें कि इन विधायकों पर आपराधिक साजिश और सरकारी अधिकारी के काम बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
AAP नेता आशीष खेतान ने मंगलवार को सचिवालय में मारपीट का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों के हुजूम ने मारो-मारो की नारेबाजी की. उन्होंने बताया, ‘150 लोगों का हुजूम था जो अपने आप में ही चौंकाने वाली बात है. मैं लिफ्ट का वेट कर रहा था तभी 30 से 35 लोग मारो-मारो के नारे लगाते हुए आए।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर इस घटना की निंदा की. राजनाथ सिंह ने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के साथ जो हुआ, वो बेहद दुखद है. उन्होंने ये भी लिखा कि नौकरशाहों को सम्मान और भयमुक्त तरीके से काम करने देना चाहिए।