India Reply To Pakistan UNGA: यूएन की 78वीं बैठक में भारत ने पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। संयुक्त राष्ट्र में प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान तुरंत अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों यानी पाक अधिकृत कश्मीर को खाली करें।
India Reply To Pakistan UNGA: यूनाइटेड नेशन की 78वीं जनरल असेंबली में भारत ने एक बार फिर नापाक मुल्क पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर (Anwar ul Haq Kakar) ने शुक्रवार यानी 22 सितंबर को एक बार फिर कश्मीर मसले को छेड़ा, जिस पर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है।
दरअसल, पाकिस्तान के केयरटेकर अनवर उल हक काकर ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर पर प्रस्ताव पास करने और वहां सैन्य हस्तक्षेप की मांग की। इस पर शनिवार (23 सितंबर) को भारत ने पाक को जवाब देते हुए जमकर तलाड़ा है।
POK को तुरंत खाली करे पाकिस्तान
संयुक्त राष्ट्र में प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान तुरंत अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों यानी पाक अधिकृत कश्मीर को खाली करें। पटेल ने आगे कहा “तकनीकी कुतर्क में उलझने के बजाय, हम पाकिस्तान से मुंबई आतंकवादी हमलों के अपराधियों के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का मांग करते हैं, जिनके पीड़ित 15 साल बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं।”
आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को तुरंत करे बर्बाद
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को तीन कदम उठाने की जरूरत है। पहला, सीमा पार आतंकवाद को रोकना और उसके आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को तुरंत बर्बाद करे। दूसरा, उसके अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करना। और तीसरा , पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ गंभीर और लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकें।”
पाक को पहले अपना घर ठीक करना चाहिए
पेटल गहलोत ने यूएन में मानवाधिकार पर बोलते हुए कहा कि दुनिया के सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देश खास कर महिलाओं की बात करें तो, पाकिस्तान की पहचान है। पाकिस्तान को पहले अपना घर ठीक करना चाहिए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रणालीगत हिंसा का एक ज्वलंत उदाहरण अगस्त 2023 में पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले के जारनवाला में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर की गई क्रूरता थी, जहां कुल 19 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर हिंदू सिख और ईसाइयों की महिलाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है।