कितना नीचे तक छेद किया जा सकता है
इस पर बात करने से पहले आपको बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही चीन ने सात मिल तक ड्रिल करने का अभियान शुरू किया है, जिसके जरिए चीन 145 मिलियन साल पुरानी चट्टानों तक पहुंचना चाहता है.
अब जानते हैं पृथ्वी के ड्रिल करने का विज्ञान
पृथ्वी को पूरी तरह ड्रिल करने के लिए पांच लेयर को पार करना होगा, जिससे हमारी पृथ्वी बनी है.
इसमें पहली लेयर द क्रस्ट 40 माइल्स, दूसरी अपर लेयर 217 माइल्स, लॉअर लेयर 1550 माइल्स, आउट कोर 1367 माइल्स और इनर कोर सॉलिड लेयर 746 माइल्स मोटी है.
ऐसे में आरपार छेद करने के लिए करीब 4 हजार माइल्स छेद करना होगा, जिसके बाद दूसरी छेद हो जाएगा. वैसे अभी तक वैज्ञानिक 7 माइल्स ही छेद कर पाए हैं.
तो कहा जा सकता है कि आरपार छेद करना मुश्किल है और अभी चीन ने भी 7 माइल्स का ही लक्ष्य रखा है. ऐसे में पृथ्वी की पहले एक लेयर को पार करना भी काफी मुश्किल है.