चंडीगढ़ : हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए नागरिक अस्पतालों में ‘वरिष्ठ नागरिक कॉर्नर’ बनाया जाएगा ताकि उन्हें अस्पतालों में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो सके। यह जानकारी उन्होंने गुरुवार को चंडीगढ़ में दी।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी, जो अस्पतालों में उन्हें सभी संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाने में सहायता करेंगे। इससे वरिष्ठ नागरिकों को अस्पतालों में न तो लाइनों में लगना पड़ेगा और न ही अधिक समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 4 जिला अस्पतालों में कैथ लैब बनाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसको शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में टैस्ट करवाने वाले मरीजों को उनकी जांच रिपोर्ट एसएमएस से उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे मरीजों को अपनी टैस्ट रिपोर्ट के लिए अस्पतालों में समय बर्बाद नही करना पड़ेगा और उन्हें घर बैठेही अपनी रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में एमआरआई, सीटी स्कैन तथा डायलिसिस जैसी आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है। मरीजों को प्रदान की जा रही सुविधा के फलस्वरूप अब सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों में 15 प्रतिशत तथा आईपीडी में करीब 14 फीसदी की बढोतरी दर्ज हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधा का ध्यान में रखते हएु जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके साथ ही लड़ाई -झगड़े या दुर्घटनाग्रस्त लोगों की एमएलआर को सीधा पुलिस के सर्वर से जोड़ा जा रहा है ताकि दोषियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई हो सके। इसके अतिरिक्त चिकित्सकों की अदालतों में पेशी भुगतने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है, जिसके लिए अस्पतालों को अदालतों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा ताकि डॉक्टर्स का समय अदालतों में व्यर्थ न हो सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा के लिए नई स्थानान्तरण नीति बनाई जा रही है, जिसको शीघ्र ही अन्तिम रूप दिया जाएगा। इसके तहत आवेदकों से विकल्प लिये जाएंगे तथा सॉफ्टवेयर के माध्यम से उनका स्वत: ही स्थानान्तरण हो जाएगा। इससे चिकित्सकों एवं स्टाफ को अपने स्थानान्तरण के लिए किसी नेता या अधिकारी के चक्कर नही काटने पड़ेंगे। मरीजों की आवश्यकतानुसार प्रदेश के अस्पतालों को अपग्रेड भी किया जाएगा।
प्रदेश के सभी 21 जिलों के 84 अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए केन्द्र की एक संस्था से एमओयू किया जाएगा, जोकि अस्पतालों को एनएबीएच से मान्यता प्राप्त करवाने तथा उससे संबंधित सभी आवश्यकताओं का पूरा लेखा-जोखा तैयार करेगी। अस्पतालों में उत्कृष्ट श्रेणी के चिकित्सकों की भर्ती के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग कॉडर बनाया जाएगा तथा डॉक्टर्स की कमी को दूर करने के लिए प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा। इस समय प्रदेश में 8 मेडिकल कॉलेज चल रहे है और 3 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है।