नई दिल्ली : सीबीआई ने स्टिंग ऑपरेशन की जांच के सिलसिले में उत्तराखण्ड के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत को समन भेजा। सीबीआई ने रावत को सोमवार को पूछताछ के लिए तलब किया है। उत्तराखण्ड में सियासी ड्रामे के बीच 26 मार्च को स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था। इसमें हरीश रावत अपनी सरकार बचाने के लिए सौदेबाजी करते हुए दिखाई दिए थे। सीबीआई ने पिछले हफ्ते प्रिलिम्नरी इनक्वायरी दर्ज की थी।
गृह मंत्रालय ने सीडी को जांच के लिए चंडीगढ़ की सेंट्रेल फॉरेंसिंक लेबोरेट्रीज भेजा था। रिपोर्ट में बताया गया कि सीडी सही है। सीडी के साथ कोई छेडख़ानी नहीं की गई है। कांग्रेस के बागी विधायकों ने 26 मार्च को दिल्ली में स्टिंग ऑपरेशन की सीडी जारी की थी। बागी विधायकों का दावा था कि ये स्टिंग ऑपरेशन 23 मार्च का है। स्टिंग ऑपरेशन जॉलीग्रांट में किया गया था। बागी विधायकों ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। हरीश रावत का कहना है कि सीबीआई जांच के बहाने भाजपा उन्हें जेल भेजना चाहती है।
जब स्टिंग जारी हुआ था तब हरीश रावत ने इसे फर्जी बताया था। रावत ने विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों से भी इनकार किया था लेकिन हाल ही में रावत ने स्टिंग में खुद के होने की बात कबूल की थी। रावत ने कहा था, क्या किसी पत्रकार से मिलना अपराध है? अगर उस विधायक ने मुझसे बात की जो विधानसभा का सदस्य है, तो क्या फर्क पड़ता है? क्या राजनीति में हम कोई रास्ता बंद कर सकते हैं? बागी विधायक पहले पैसे के लिए भाजपा के पास गए और पैसे के लिए ही मुझसे बात करना चाहते थे। सीडी में ऐसा कुछ भी प्रमाणित हो जाए कि उन्होंने असंतुष्ट विधायकों का समर्थन लेने के बदले में नकद या किसी अन्य प्रकार की पेशकश की थी तो वह जनता के सामने फांसी पर लटकने को तैयार हैं।