Poonch Attack के बाद से भारतीय सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। जिसमें 2000 कमांडो को लगाया गया है।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने गुरुवार को एक कायराना हमला किया था, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए। भारतीय सेना इस हमले को काफी गंभीरता से ले रही, जिस वजह से राजोरी-पुंछ में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा। जल्द ही इस हमले में शामिल आतंकियों की शामत आने वाली है।
खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला कि हमले में 7 आतंकी शामिल थे। इसके अलावा राजोरी-पुंछ के ओवर ग्राउंड वर्कर (आतंकियों के मददगार) ने उनकी मदद की। इस वजह से वहां पर बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा। इसमें 2000 कमांडो भी लगाए गए हैं, जो स्निपर डॉग और ड्रोन की मदद से जंगलों को खंगाल रहे।
जांच में पता चला कि आतंकियों ने सेना के ट्रक को घेरकर 36 राउंड फायरिंग की थी। इसके अलावा ग्रेनेड के दो पिन भी वहां से मिले, ऐसे में साफ हो गया कि उसका भी इस्तेमाल किया गया था। वाहन के अंदर ज्वलनशील पदार्थ रखा था, इस वजह से ग्रेनेड फटने के बाद सेना के ट्रक में आग लग गई।
तीन पाकिस्तान आतंकी भी शामिल
बताया जा रहा कि हमले में शामिल तीन आतंकी पाकिस्तान के हैं। उन सभी की तलाश के लिए एलओसी के आसपास के इलाकों में छापेमारी हो रही। जिसमें भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के साथ सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम लगी है। इन आतंकियों को लेकर शूट एट साइट के आदेश दिए गए हैं।
PAFF ने ली है जिम्मेदारी
वैसे इस हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है, लेकिन माना जा रहा कि ये काम उसके अकेले के बस का नहीं था। इसमें लश्कर और जैश के आतंकियों ने भी मदद की। PAFF को जैश का प्रॉक्सी संगठन माना जाता है।
स्टिकी बम का इस्तेमाल
जांच में पता चला कि इस हमले में स्टिक बम का इस्तेमाल किया गया, लेकिन अभी तक ये कंफर्म नहीं हो पाया है कि वो कहां से मिला। माना जा रहा कि पाकिस्तानी सेना के एक्सपर्ट्स ने वीडियो कॉल के जरिए आतंकियों को इसे बनाने की ट्रेनिंग दी थी।