अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि शुक्रवार को कई जिलों में बारिश और भारी ओलावृृष्टि से गेंहू, सरसों और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ऐेसे सरकार प्रभावित हुई फसलों की विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे ताकि किसान अगली बिजाई के तैयारी कर सके। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं के प्रति सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा। वैसे भी देश का किसान सरकार की मनमानी के चलते परेशान है।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि शुक्रवार को प्रदेश के 11 जिलों में बारिश हुई। इनमें जींद, हिसार, भिवानी, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर, पानीपत और सोनीपत जिले शामिल हैं। कई जगह तड़के 3 बजे ही बारिश शुरू हो गई थी। इस दौरान हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी और कैथल में जमकर ओले भी गिरे। फतेहाबाद जिला में तो इतनी भारी ओलावृष्टि हुई कि सड़क पर मोटी चादर सी बिछ गई और फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई। बारिश और तेज हवा के बीच ओलावृष्टि से रबी की फसलों को नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा सरसों और गेहूं की फसल तबाह हुई। इसके साथ ही सब्जियों में आलू, मेथी, गोभी और टमाटर की फसले बर्बाद हो गई है। उन्होंने कहा कि हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, जींद, और कैथल के करीब 70 गांवों में ओलावृष्टि से सब्जियों और सरसों की फसल को नुकसान हुआ। फतेहाबाद के गांव बड़ोपल, मोहम्मदपुर रोही, झुलनिया समेत आधा दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई।
उन्होंने कहा है कि हिसार के करीब 50 गांवों में ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। आदमपुर क्षेत्र के 15, नारनौल क्षेत्र के 25 और हांसी क्षेत्र के छह गांवों में ओलावृष्टि से फसलों बर्बाद हुई है, इन क्षेत्रों में चने की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां ओले गिरे है वहां पर फसलों को तो नुकसान हुआ ही है वहां जमीन गीली रहने से दोबारा बिजाई भी नहीं हो सकती। किसानों पर मौसम की भारी मार पड़ी है। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का कम से कम 40 हजार रुपए प्रति एकड़ तक मुआवजा दे।