नई दिल्ली : चुनावी सीजन में भी उत्तर प्रदेश में नाम बदलने का सिलसिला जारी है। बुधवार को योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया, जिसके तहत झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। अब ये स्टेशन ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ नाम से जाना जाएगा। इसके लिए बकायदा बुधवार शाम अधिसूचना भी जारी कर दी गई। आने वाले दिनों में इस स्टेशन का कोड भी बदल जाएगा। वहीं राज्य सरकार के इस फैसले पर भी सियासत शुरू हो गई है।
मामले में झांसी रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली में रेल मंत्रालय के आदेश के तुरंत बाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। उसी के हिसाब से स्टेशन कोड भी बदला जाएगा। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक करीब तीन महीने पहले राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा था। जिसको केंद्र ने स्वीकार कर लिया। ऐसे में अब योगी सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
वैसे यूपी में स्टेशन का नाम बदलने का ये कोई पहला मामला नहीं है। पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया। इसके बाद योगी सरकार ने फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या किया था। उसी के तहत फैजाबाद स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या कैंट कर दिया गया। इस लिस्ट में अब झांसी स्टेशन का नाम भी जुड़ गया है।
सरकार दे रही ये तर्क नाम बदलने के लिए मशहूर योगी सरकार ने स्टेशन बदलने के पीछे अपने तर्क भी दिए हैं। उनके मुताबिक स्टेशन का नाम बदलने से इलाके में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड इलाके में भी इसका लाभ देखने को मिलेगा। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञ इसे चुनाव के चलते लिया गया फैसला बता रहे हैं।
अकबर इलाहाबादी का भी बदल दिया नाम योगी सरकार ने पहले ही इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। इसके बाद वहां के स्टेशन का नाम भी प्रयागराज जंक्शन हुआ। हाल ही में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर ‘अकबर प्रयागराजी’ कर दिया। जिस पर राजनीति शुरू हो गई। हालांकि बाद में अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी वेबसाइट हैक कर ली गई थी।