नई दिल्ली : असम राइफल्स (Assam Rifles) के वयोवृद्ध नरेन चंद्र दास, जिन्होंने 1959 में 14वें दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो (Dalai Lama Tenzin Gyatso) का निधन हो गया है। बता दें कि 1959 के तिब्बती विद्रोह की शुरुआत में, दलाई लामा (Dalai Lama) CIA के विशेष गतिविधि प्रभाग की मदद से तिब्बत से भाग गए।
30 मार्च 1959 को भारत में प्रवेश करते हुए, 18 अप्रैल को असम के तेजपुर पहुंचे। तिब्बत से भागने के बाद दलाई लामा (तब 22) , फिर असम राइफल्स (Assam Rifles) के सैनिकों की सात सदस्यीय टीम द्वारा सुरक्षित रूप से भारतीय पहुंच गए।
नरेन चंद्र दास (Naren Chandra Das) (तब 23 वर्ष के थे) उन सात असम राइफल्स के सैनिकों में से थे, जिन्होंने दलाई लामा को भारत लाया था। नरेन चंद्र दास ने मंगलवार को 83 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
बता दें कि असम राइफल्स के पूर्व हवलदार नरेन चंद्र दास असम के सोनितपुर जिले के तेजपुर के पास लोकरा के रहने वाले थे। दास उन सात असम राइफल्स के जवानों में अंतिम जीवित बचे थे, जिन्होंने दलाई लामा को भारत लाया था।