नई दिल्ली : लोकजन शक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान शनिवार शाम पंचतत्व में विलीन हो गए। पटना के दीघा स्थित जनार्दन घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ। बेटे चिराग पासवान ने मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कीं। 74 साल के रामविलास पासवान का गुरुवार शाम निधन हो गया था। शुक्रवार शाम पासवान का पार्थिव शरीर वायुसेना के विशेष विमान से पटना पहुंचा। जिसके बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया गया।
नम आंखों रामविलास पासवान को दी गई अंतिम विदाई
रामविलास पासवान के अंतिम संस्कार में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, रामकृपाल यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और बिहार के दूसरे कई नेता पहुंचे। रामविलास पासवान की अंतिम यात्रा में परिवार के सदस्यों के साथ उनकी दोनों पत्नी भी शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि रामविलास पासवान के निधन से हम सभी दुखी हैं। उन्होंने युवा अवस्था से ही लोगों की सेवा का काम किया है। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उनके जो काम हैं, उनको लोग याद रखेंगे।
रामविलास पासवान केंद्र और बिहार की राजनीति में करीब 5 दशकों तक अहम चेहरा रहे। 1969 में वो पहली बार विधायक बने, फिर सांसद और मंत्री रहे। राम विलास पासवान के नाम छह प्रधानमंत्रियों के साथ मंत्री रहने का रिकॉर्ड है। बीते तीन दशकों में वो काफी समय केंद्र में मंत्री रहे हैं। वे वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल रहे हैं।
इससे पहले रामविलास पासवान पार्थिव शरीर एम्स से दिल्ली स्थित उनके आवास लाया गया तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आवास पर पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी ने चिराग पासवान के कंधे पर हाथ रखकर ढांढस बंधाया।