चंडीगढ़ : हिसार के हांसी इलाके में कार में व्यापारी के जिंदा जलाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जिस व्यापारी को 11 लाख रूपये की लूट के बाद जलाने की घटना थी, उसी व्यापारी को पुलिस ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी व्यापारी ने यह खुद ही साजिश रची थी।
पुलिस को इस मामले में एक महिला मित्र की संदिग्ध भूमिका पर राज खुलने की उम्मीद है। वहीं पुलिस के सामने कार में जली लाश की गुत्थी सुलझाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है। माना जा रहा है कि आरोपी व्यापारी को हांसी लाते ही महिला मित्र और व्यापारी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है और कार में जली लाश की जानकारी जुटाई जाएगी।
पुलिस एसपी लोकेंद्र सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि जिस रात को वारदात घटी थी, उसके बाद से लगातार तीन टीमें इसी केस की छानबीन में जुटी हुई थी। पुलिस की टीमें अलग-अलग एंगल से मामले में जांच कर रही थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मंगलवार की रात को करीब 11 बजे यह घटना घटी थी, जिसके करीब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना मिली थी।
पुलिस और एफएसएल और डॉक्टरों की टीम ने घटनास्थल पर जाकर पूरा मुआयना किया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि डाटा गांव के रहने वाले व्यापारी की 11 लाख रुपये की लूट के बाद जिंदा जला दिया है। जिसके बाद रात के समय से ही पुलिस की टीमें तैनात की गई थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस केस में संदेह हो रहा था कि इस केस में कुछ छुपाया जा रहा है। पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तो देखा कि गाड़ी को साइड में किया हुआ था और जली हुई थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लूट की वारदात होती तो गाड़ी को साइड में लगाकर और गाड़ी के हैडब्रेंक लगाने का समय नहीं मिलता।
पुलिस अधिकारी ने पॉन्इट टू पॉन्इट बताया कि इस केस में जो संदेह के घेरे में चीजें थी उसमें
* गाड़ी का बिल्कुल आराम से साइड में लगाना
* गाड़ी के अंदर का हैडब्रेक लगा होना
* कार के लॉक होने के बाद चाबी ना मिलना
* कार चालक के पास समय होते हुए बाहर ना निकल पाना
* कार की ड्राइवर सीट की बजाय साइड सीट पर कंकाल मिलना
* कार जलने के बाद भी व्यापारी के मोबाइल का चलना
* कार में कंकाल के साथ मोबाइल ना मिलना
* परिजनों को कॉल के बाद भी सामान्य रहना
* पुलिस को करीब एक घंटे बाद सूचित करना
* पुलिस से कई जानकारी छुपाना
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस की टीम को इस बारे में कुछ संदेह हुआ था जिसके बाद व्यापारी के पूरे कागजात खंगाले गए थे जिसमें बैंक से करीब सवा करोड़ और एलआईसी से करीब 50 लाख रुपये की पॉलिसी भी सामने आई है। इसमें पुलिस को संदेह है कि पॉलिसी क्लेम के लिए भी ऐसा हो सकता है।
क्या है पूरा मामला ?
मंगलवार की रात को डाटा गांव निवासी व्यापारी राममेहर के कार में रात के समय जिंदा जलाने की सूचना पुलिस को दी गई थी। राममेहर की बरवाला में डिस्पोजल फैक्ट्री है जो लॉकडाउन में बंद पड़ी थी। अब मंगलवार की रात को व्यापारी हिसार से 11 लाख रुपये लेकर आ रहा था, तभी कुछ लुटेरों ने पीछा किया और पैसे लूटकर जिंदा जला दिया। इस घटना के बाद पुलिस की तीन टीमें जांच कर रही थी लेकिन अब यह पूरा मामला बदल गया है।
इसके बाद पुलिस की तीन टीमें लगातार इस मामले की जांच कर रही थी। पुलिस को गाड़ी से मोबाइल नहीं मिला था। जिसके बाद शक गहरा रहा था। पुलिस ने इसके बाद मोबाइल पर कॉलिंग के नंबर और रात के समय वहां पर नेटवर्क के नंबर ट्रैस किये थे, जिसके बाद पुलिस को इस मामले में संदिग्धता नजर आ रही थी।
मृतक के स्वजनों ने बताया था कि राममेहर हिसार से अपने गांव डाटा आ रहा था। उसकी बरवाला में डिस्पॉजल कप प्लेट की फैक्ट्री है व मंगलवार को बैंक से 11 लाख रुपये निकलवाए थे। रात करीब 12 बजे के आसपास महजत गांव के पास दो बाइक सवारों ने कार को घेर लिया व जबरन रोककर पैसे लूटने के बाद कार को आग लगा दी थी।
लेकिन अब इस मामले में पूरा मोड़ आ गया है। इस मामले में आरोपी व्यापारी राममेहर को हांसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी व्यापारी ने खुद यह साजिश रची थी। अब पुलिस इस मामले में पूरा खुलासा करेगी।