चंडीगढ़ : केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में लाए गए किसान कानूनों के विरोध में निकाले जा रहे शिरोमणि अकाली दल के किसान मार्च को गुरुवार रात चंडीगढ़ के बॉर्डर पर रोक दिया गया। पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और दूसरे बड़े नेताओं को चंडीगढ़ पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने अकाली कार्यकर्ताओं पर इस दौरान लाठियां चलाईं और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। सुखबीर बादल के पिता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि जिस तरह से लाठियां चली हैं, वो लोकतंत्र के लिए काला दिन है।
हरसिमरत कौर बादल को चंडीगढ़ और पंजाब के बॉर्डर जीरकपुर में डिटेन किया गया वहीं अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल को पंजाब और चंडीगढ़ के मुल्लापुर बॉर्डर पर डिटेन गया। मुल्लापुर में ही चंडीगढ़ पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन और लाठियां चलाईं।
अकाली दल ने गुरुवार कृषि कानून के खिलाफ पंजाब से तीन धार्मिक तख्तों से मार्च शुरु किए, तीनों मार्च चंडीगढ़ पहुंचकर राज्यपाल भवन तक जाकर, राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को कृषि कानून के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के साथ खत्म होते। हालांकि सभी जुलूस चंडीगढ़ बॉर्डर पर ही रोक दिए गए। सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर में अकाल तख्त से, हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा के तलवंडी साबो में तख्त दमदमा साहिब से और प्रेम सिंह चंदूमाजरा और दलजीत सिंह चीमा के नेतृत्व में आनंदपुर साहिब के तख्त केशगढ़ साहिब से किसान मार्च निकाला गया।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी थी। अकाली दल इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहा है। बिलों के विरोध में 17 सितंबर को हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से भी अलग हो गया था।