पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बीजेपी सरकार ना गरीबों को समय पर राशन दे पा रही है और ना ही डिपो धारकों को कमिशन दे रही है। डिपो धारकों को पिछले 9 महीने से कमिशन ही नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में उनके परिवार की रोजी रोटी पर संकट छा गया है। आलम यह है कि सरकार ने सितंबर महीने का बाजरा कई जगह देरी से आवंटित किया। यहां तक कि खबर है कि सितंबर माह का बाजरा 12 अक्टूबर तक बंटवाया गया। सरकार द्वारा अक्सर सरसों तेल बंटवाने में भी देरी की जाती है। कभी 2 तो कभी 3 महीने देरी से गरीबों को तेल मिल पाता है।
हुड्डा ने कह कि बीजेपी ने चुनावी लाभ लेने के लिए बीपीएल राशन कार्ड बनाने में जमकर फर्जीवाड़ा किया। अब इसका खामियाजा पात्र गरीबों को भुगतना पड़ रहा है और उन्हें समय पर राशन नहीं मिल पा रा है। हैरानी की बात है कि अब चुनाव के बाद सरकार कह रही है कि वो इतने राशनकार्ड कैसे बने, इसकी जांच करवाएगी। क्या सरकार को पता नहीं है कि उसने ही हरियाणा की जनता के गले में फैमिली आईडी नाम का सांप डाला है। उसी के आधार पर बीपीएल राशन कार्ड बने हैं। यानी जो भी गड़बड़झाला हुआ है, वह खुद सरकार ने किया है। अब सरकार किस मुंह से जांच की बात कह रही है?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पहले बीजेपी सरकार ने फैमिली आईडी के नाम पर लाखों जरूरतमंदों के राशन कार्ड काटे और गरीबों को दाने-दाने का मोहताज कर दिया। बहरहाल इसका निचोड़ निकला कि हरियाणा की 70 फ़ीसदी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा से नीचे आ गई। यानी हरियाणा देश के सबसे गरीब राज्यों की कतार में खड़ा हो गया। यह सब मौजूदा सरकार की कारगुजारी के कारण हो पाया है।
कांग्रेस पूरे मामले की गरीबों को समय पर राशन व डिपो धारकों को समय पर कमीशन देने की मांग करती है। क्योंकि भोजन का अधिकार कांग्रेस सरकार लेकर आई थी। आज यह योजना भी बीजपी सरकार सुचारू रूप से नही चला पा रही।