अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश के संघीय ढांचे को चोट पहुंचा रही है, जनगणना और जातीय जनगणना का कोई जिक्र तक नहीं किया जा रहा है। सरकार जनता से किया अपना एक भी वायदा पूरा नहीं कर रही है, एमएसपी को कानून दर्जा तक नहीं दिया गया है जबकि किसान इस मांग को लेकर आज भी आंदोलनरत है। जीएसटी का सरलीकरण करने के बजाए उसे और जटिल बनाया जा रहा है। विपक्ष जब भी कोई आवाज उठाती है तो सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने में लग जाती है।
सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा, फतेहाबाद, रतिया, टोहाना, नरवाना और खनौरी का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि देश के किसान और मजदूरों की समस्याओं की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है और न ही इन दोनों को उनकी मेहनत का परिणाम मिल रहा है। धान की रौपाई के समय न तो किसानों को खाद मिल पा रहा था और न ही बीज, किसानों को प्राइवेट एजेंसियां दोनों हाथों से लूट रही थी और सरकार दावा कर रही थी कि खाद और बीज की कोई कमी नहीं है। सरकार भूल गई कि खाद लेने के लिए किसानों की लंबी लंबी कतार लगी रहती थी और किसान खाद लेने के लिए रात में भी डेरा डाल लेते थे। सच तो ये है कि सरकार किसान तो किसान किसी की भी नहीं सुनती। एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने खनौरी बार्डर पर पहुंचकर किसानों से मुलाकात की, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाला से बातचीत की पर उन्हें बोलने में कठिनाई हो रही थी।
उन्होंने कहा कि खनौरी धरनास्थल पर सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हर समस्या का हल तो सरकार को ही करना होगा। अंबेडकर विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि भाजपा डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान कर रही है, उसके नेता इस्तीफा देना तो दूर मांफी तक नहीं मांग रहे है, सरकार की आदत है जब भी कोई मुद्दा उठता है तो सरकार उससे ध्यान बांटने में लग जाती है और कोई न कोई बिल लेकर आ जाती है। सरकार संसद तक नहीं चलने दे रही है, उसकी नीयत संसद चलाने की नहीं है, सच तो ये है कि भाजपा के लिए संसद की कोई अहमियत नहीं है। विपक्ष और मीडिया ही लोगों की आवाज उठाते है और सरकार को चेताते है पर सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्ता पक्ष के लोग हाथों में डंडे लेकर विपक्ष को सदन में जाने से रोक रहे थे। सत्ता पक्ष के लोगों ने राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं के साथ धक्का मुक्की की और उल्टा आरोप राहुल गांधी पर लगा रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसी भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वायदा किया था पर ऐसा हुआ तो नहीं। इसी सरकार ने किसानों से एमएसपी को कानूनी दर्जा देने का वायदा किया था पर पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार झूृठे वायदे करती है। बंगलादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के हर दल ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि बंगलादेश में अल्पसंख्यकों की रक्षा होनी चाहिए और भारत सरकार को भी इस बारे में बंगलादेश के साथ बातचीत करनी चाहिए।