Delhi Assembly election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नाम हैं, जिसमें सबसे बड़ा नाम दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का है। मनीष सिसोदिया इस चुनाव में पटपड़गंज विधानसभा सीट से नहीं बल्कि जंगपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
मनीष सिसोदिया की सीट पटपड़गंज से आप पार्टी में हाल ही में शामिल हुए मशहूर यूपीएससी शिक्षक अवध ओझा को टिकट दिया गया है। मनीष सिसोदिया की सीट बदलने को लेकर अब कई तरह की बातें सामने आ रही है। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि हार की डर से मनीष सिसोदिया से अपना सीट बदला है, तो नहीं राजनीतिक एक्सपर्ट की मानें तो 10 साल की एंटी इनकंबेंसी को लेकर आप ने ये कदम उठाया है।
मनीष सिसोदिया पटपड़गंज को छोड़ क्यों गए जंगपुरा?
आम आदमी पार्टी अगले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है। इस रणनीतिक बदलाव की वजह से ही मनीष सिसोदियो को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से टिकट दिया गया है। असल में 10 साल की एंटी इनकंबेंसी यानी सत्ता विरोधी लहर, दिग्गज नेताओं की गिरफ्तारी से पैदा हुए व्यवधान और भ्रष्टाचार के आरोप, विपक्ष के खतरे का सामना करते हुए आप ने अपनी चुनावी रणनीति को बदल है, जिसके बाद कई विधायकों को हटाया जा सकता है और कुछ अन्य को अलग निर्वाचन क्षेत्रों से मैदान में उतारा जा सकता है,
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सीटिंग विधायकों के सीट बदलने का कवायद शीर्ष स्तर पर शुरू किया गया है, जिसमें सबसे पहले पटपड़गंज के विधायक मनीष सिसोदिया का सीट बदला गया है। हालांकि सीट बदलने को लेकर मनीष सिसोदिया ने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है। पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने बताया कि “पार्टी कई नेताओं के सीट बदलने पर विचार कर रही है। अन्य सीटें और नेता भी हैं, जिन पर हम पहले विचार कर रहे हैं, क्योंकि वे बड़े मुद्दे हैं।” मीडिया में ये खबर पहले ही आ गई थी कि सिसोदिया को जंगपुरा से मैदान में उतारा जा सकता है, जबकि हाल ही में पार्टी में शामिल हुए एक लोकप्रिय चेहरे अवध ओझा को पटपड़गंज से मैदान में उतारा जा सकता है। हाल ही में पार्टी में शामिल हुए में कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, भाजपा के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह शंटी को भी टिकट दिया गया है।
क्यों पटपड़गंज सीट छोड़ने को मजबूर हुए मनीष सिसोदिया?
मनीष सिसोदिया ने 2013, 2015 और 2020 में पटपड़गंज से जीत हासिल की, जिसमें बीच की जीत 28,000 से अधिक वोटों के अंतर से सबसे बड़ी जीत थी। 2020 में, उन्होंने सिर्फ 3,100 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। जीत का फासला इतना कम होना, आप के लिए चिंता की बात थी। AAP सूत्रों ने कहा, “2020 में, पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली सहित कुछ सीटों पर भाजपा का अभियान CAA विरोधी प्रदर्शनों पर केंद्रित था। कम से कम दो वरिष्ठ भाजपा नेता थे जो कम से कम 10 दिनों तक पटपड़गंज में डेरा डाले हुए थे। इस साल अब तक, ऐसा कोई एक कारक नहीं है जिसका भाजपा लाभ उठा पाई हो।” पार्टी ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजों के कारण बदलाव जरूरी हो गए थे। उसके बाद से और भी मंथन हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, “ऐसी 10-11 और सीटें हैं, जहां मौजूदा विधायकों को बदलना होगा। कुछ मामलों में, भले ही हमारे सर्वेक्षण और ग्राउंड रिपोर्ट दिखाते हैं कि विधायक के लोकप्रिय न होने के बावजूद पार्टी आगे है, हम उम्मीदवार बदल देंगे क्योंकि हम अंतिम समय में किसी भी नकारात्मक वोटिंग से बचना चाहते हैं।” 2020 में आप ने 15 नए चेहरे उतारे थे। इस बार भी लोकप्रियता और स्वीकार्यता ही मुख्य मानदंड होंगे, इस पर जोर देते हुए नेता ने कहा, “यह चुनाव अलग है… हम तीसरा कार्यकाल मांग रहे हैं और विधायकों की लोकप्रियता एक महत्वपूर्ण कारक बन जाती है।”