India-Bangladesh: मालदीव में जब मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनी तो यही संदेश गया, कि भारत के साथ इस द्वीप देश के संबंध खराब हो चुके हैं और शुरूआती दिनों में ऐसा लगा भी। मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी की और भारत में मालदीव के बहिष्कार करने की मुहिम चली।
संबंध यहां तक खराब होने लगे, कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन दौरे से माले लौटने के बाद बिना भारत का नाम लिए यहां तक कह डाला, कि ‘ताकतवर देश हमें अपने इशारों पर नहीं नचा सकते हैं।’
लगने लगा, कि शायद दोनों देशों के बीच के संबंध काफी खराब हो जाएंगे, लेकिन एक बात जो इस दौरान देखने को मिली, वो थी भारत की गंभीर डिप्लोमेसी। भारत ने लगातार मालदीव की सरकार से संपर्क बनाए रखा, लगातार बातचीत की और फिर धीरे धीरे दोनों देशों के संबंध पटरी पर लौटने लगे। ये भारत की गंभीर डिप्लोमेसी की ही ताकत थी, कि मालदीव में ‘इंडिया ऑउट’ कैम्पेन चलाने वाले राष्ट्रपति मुइज्जू लगातार दो बार भारत पहुंचे और ताजा स्थिति ये है, कि दोनों देशों के संबंध सामान्य कहे जा सकते हैं।