भाजपा सरकार का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। सरकार लगातार लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। लगातार लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को उत्तरप्रदेश के संभल में जाने से रोकना साबित करता है कि भाजपा की सरकार तानाशाह बन गई है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने आज एक बयान में कही। सिरसा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी न सिर्फ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है बल्कि एक चुने हुए सांसद तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। नेता प्रतिपक्ष का पद एक संवैधानिक पद होता है। आज राहुल गांधी उत्तरप्रदेश के संभल में हिंसा से पीड़ित लोगों से मिलने जा रहे थे। उनके साथ सांसद प्रियंका गांधी तथा कांग्रेस के अन्य नेता भी थे। पुलिस ने उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार के इशारे पर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक दिया ताकि राहुल गांधी संभल न जा सके। कुमारी सैलजा ने कहा कि संभल की हिंसा भी सरकार की एक सुनियोजित नीति लगती है। इसलिए राहुल गांधी को रोका जा रहा है ताकि सरकार की नाकामी उजागर न हो सके। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इसी देश के नागरिक है। वे देश में कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उत्तरप्रदेश की सरकार कानून व लोकतंत्र से अपने आप को ऊपर समझती है। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि आखिर संभल में ऐसे कौन से राज हैं जिन्हें वहां की सरकार छिपाना चाहती है। क्या सरकार को यह डर सता रहा है कि नेता प्रतिपक्ष संभल चले जाएंगे तो सरकार की नाकामी सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि संभल हिंसा सीधे-सीधे उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामियों को दर्शाती है। भाजपा सरकार हिंदू-मुस्लिम करके देश को बांटने का एक षडयंत्र कर रही है। दंगा करवाना भाजपा की नीति रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी है जो शांति व सदभाव में यकीन करती है। राहुल गांधी हिंसा से पीडि़तों का दर्द सांझा करना चाहते हैं। वे पीड़ितों का हाल जानना चाहते हैं। इसलिए वे आज संभल जा रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार को यह मंजूर नहीं है कि कोई कांग्रेस नेता पीड़ितो से मिलकर उनका दुख-दर्द बांट सके। उनकी मदद कर सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कार राहुल गांधी को संभल जाने की अनुमति देनी चाहिए ताकि हिंसा की हकीकत जनता के सामने आ सके।