निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. दिसंबर 2012 में हुए इस रेप कांड के बाद पूरे देश में गुस्सा हुआ था, निर्भया के लिए हर किसी ने लड़ाई लड़ी थी। आज निर्भया को इंसाफ मिल रहा है।
- निर्भया के दोषियों को 5.30 बजे फांसी
- 7 साल 3 महीने और 3 दिन बाद फांसी
- एक दोषी ने जेल में की थी आत्महत्या
राजधानी दिल्ली में 7 साल पहले हुए निर्भया रेप केस में अब आखिरी इंसाफ की घड़ी आ गई है। निर्भया के चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। गुरुवार देर रात तक दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दोषियों के वकील ने फांसी को टालने की पुरजोर कोशिश की। दिल्ली हाई कोर्ट से दोषियों को राहत नहीं मिली है. जिसके बाद उनके वकील सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ निर्भया का परिवार उस घड़ी का इंतजार कर रहा है, जब उनकी बेटी के साथ हुई बर्बरता का इंसाफ होने वाला है. हालांकि, ये घड़ी आने में लंबा वक्त लगा है. 7 साल, 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया के दोषियों को इंसाफ मिल रहा है. आइए नजर डालते हैं कि ये चारों दोषी फांसी के फंदे तक कैसे पहुंचे…
उस दर्दनाक हादसे से फांसी के फंदे तक
6 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया. इस मामले में दरिंदगी की वो सारी हदें पार की गईं, जिसे देखकर-सुनकर कोई दरिंदा भी दहशत में आ जाए. वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था. दोषियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी. इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था।
18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने 4 दोषियों (उस वक्त आरोपी) राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
- निर्भया के दोषियों को 5.30 बजे फांसी
- 7 साल 3 महीने और 3 दिन बाद फांसी
- एक दोषी ने जेल में की थी आत्महत्या
राजधानी दिल्ली में 7 साल पहले हुए निर्भया रेप केस में अब आखिरी इंसाफ की घड़ी आ गई है. निर्भया के चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है. गुरुवार देर रात तक दिल्ली हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक दोषियों के वकील ने फांसी को टालने की पुरजोर कोशिश की. दिल्ली हाई कोर्ट से दोषियों को राहत नहीं मिली है. जिसके बाद उनके वकील सुप्रीम कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ निर्भया का परिवार उस घड़ी का इंतजार कर रहा है, जब उनकी बेटी के साथ हुई बर्बरता का इंसाफ होने वाला है. हालांकि, ये घड़ी आने में लंबा वक्त लगा है. 7 साल, 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया के दोषियों को इंसाफ मिल रहा है. आइए नजर डालते हैं कि ये चारों दोषी फांसी के फंदे तक कैसे पहुंचे…
उस दर्दनाक हादसे से फांसी के फंदे तक
6 दिसंबर, 2012: दिल्ली के मुनीरका में 6 लोगों ने चलती बस में पैरामेडिकल की छात्रा से गैंगरेप किया. इस मामले में दरिंदगी की वो सारी हदें पार की गईं, जिसे देखकर-सुनकर कोई दरिंदा भी दहशत में आ जाए. वारदात के वक्त पीड़िता का दोस्त भी बस में था. दोषियों ने उसके साथ भी मारपीट की थी. इसके बाद युवती और दोस्त को चलती बस से बाहर फेंक दिया था.
18 दिसंबर, 2012: दिल्ली पुलिस ने 4 दोषियों (उस वक्त आरोपी) राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.
19 मार्च, 2020: निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. वकील की तमाम कोशिशों के बाद रात 12 बजे हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया.
20 मार्च 2020: वकील एपी सिंह देर रात सुप्रीम कोर्ट गए. रात ढाई बजे से स्पेशल बेंच ने सुनवाई शुरू की. करीब एक घंटा सुनवाई चली और कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. जिससे सुबह 5.30 बजे फांसी का फाइनल डिसीजन हो गया.