नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने ब्रिटेन से प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा वापस लाने को किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देने से इनकार किया है। दलील दी है कि यह मामला अदालत में विचारधीन है। एक न्यूज एजेंसी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कहा कि लंदन से कोहिनूर वापस लाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट मे एक याचिका दायर की गई है। चूंकि मामला अदालत में विचाराधीन है इसलिए कोई सूचना मुहैया नहीं कराई जा सकती है।
विदेश मंत्रालय में दाखिल की गई अर्जी में इस संबंध में ब्रिटेन को लिखे गए पत्र और मिले जवाबों की प्रतियां भी मांगी गई थीं। अर्जी को सांस्कृतिक मंत्रालय को भेज दिया गया था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर हो रही सुनवायी के दौरान 18 अप्रैल को कहा था कि इस बेशकीमती हीरे को न तो चुराया गया था और न ही जबर्दस्ती ले जाया गया था। 167 साल पहले पंजाब के तत्कालीन शासकों ने ईस्ट इंडिया कंपनी को इस बतौर उपहार में दिया था। हालांकि विवाद बढऩे के बाद अगले ही दिन सरकार ने कहा था कि उसे वापस लाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
पहले ये दी थी दलील
इससे पहले एक अन्य आरटीआई के जवाब में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने कहा था कि पुरावशेष और बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 के तहत भारत केवल ऐसे पुरावस्तुओं को वापस लेने का मुद्दा उठाता है जिसे भारत से अवैध रूप से भेजा गया है। चूंकि कोहिनूर को स्वतंत्रता से पहले देश से ले जाया गया था, इसलिए यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अधिनियम के दायरे से बाहर है। संस्कृति मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यह भी कहा था कि उसके पास ब्रिटेन के कब्जे वाली वस्तुओं के बारे में कोई सूची नहीं है।