Delhi News: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और आप से भाजपा में आए कैलाश गहलोत सहित कई नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन विवादास्पद शीश महल मुद्दे के खिलाफ था। जिसने राजधानी में राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है।
भाजपा का विरोध, सड़कों पर उतरे दिग्गज नेता
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने शीश महल विवाद को लेकर अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसे जनता के विश्वास का बड़ा धोखा बताया और अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही की मांग की है। इस विरोध प्रदर्शन की खास बात यह रही कि इसमें कैलाश गहलोत भी शामिल हुए। जो हाल ही में आप से अलग होकर भाजपा में शामिल हुए हैं। उनकी भागीदारी ने विरोध प्रदर्शन को और अधिक राजनीतिक वजन दिया है।
क्या है शीश महल विवाद मामला
शीश महल विवाद ने आप और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव को और हवा दी है। भाजपा का आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने जनता के धन का दुरुपयोग कर भव्य निजी आवास बनवाया है। जिसे शीश महल का नाम दिया गया है। भाजपा ने इसे नैतिकता और पारदर्शिता का उल्लंघन बताते हुए केजरीवाल से इस मामले में स्पष्टता और माफी की मांग की है।
पुलिस हिरासत, विरोध प्रदर्शन ने लिया उग्र मोड़
प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गई जब पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भाजपा नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इस घटना ने राजनीतिक विवाद को और तेज कर दिया है। भाजपा ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का मामला बताया है। पुलिस का इस विवाद में दखल इस मामले की गहराई और सार्वजनिक असंतोष की गंभीरता को दर्शाता है।
कैलाश गहलोत की मौजूदगी से बढ़ा विवाद
आप से भाजपा में शामिल हुए कैलाश गहलोत की भागीदारी ने इस विरोध को राजनीतिक निष्ठाओं में बदलाव का प्रतीक बना दिया है। उनकी उपस्थिति से यह साफ संकेत मिलता है कि शीश महल विवाद भाजपा के लिए सिर्फ एक मुद्दा नहीं। बल्कि आप की नैतिकता पर सवाल उठाने का बड़ा मंच है।