अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार ने अभी तक बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती तो अब तक पेंंशन छह हजार रुपए प्रतिमाह देनी शुरू कर दी गर्ई होती। भाजपा अगर अपने वायदे पर अडिग है तो डीए को आधार मानते हुए वह बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन 4500 रुपये प्रतिमाह कब करेगी।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया था और गारंटी भी दी थी कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं की पेंशन छह हजार रुपए प्रतिमाह कर दी जाएगी। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कहा था कि डीए और पेंशन को जोडने वाले साइंटिफिक फार्मूूले के आधार पर सामाजिक मानसिक पेंशनों में वृद्धि की जाएगी। इस घोषणा से साफ हो गया था कि पेंशन के नाम पर भाजपा बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को गुमराह कर रही है। उसे सीधे सीधे बताना चाहिए था कि प्रतिमाह कितने रुपये की वृद्धि की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का दावा है कि उसने कर्मचारियों को दिवाली के तोहफे के रूप में उनके डीए में तीन प्रतिशत की वृद्धि की है, जो बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है, सरकार इसी डीए को आधार मानकर पेंशन में वृद्धि करती है तो कम से कम 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन होती है क्या भाजपा सरकार बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को 4500 रुपये की पेंशन शुरू कर उन्हें दिवाली को तोहफा दे सकती है। क्या भाजपा सरकार केवल वोट हासिल करने के लिए ही झूठी घोषणाएं करती है या उन पर अमल भी करती है। अगर सरकार बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं का सम्मान करती है तो उनकी पेंशन में वृद्धिकर अपना वायदा निभाये।