Jharkhand Election 2024: झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को पत्र लिखकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की शिकायत की।
इस पत्र में झारखंड सरकार ने कहा है कि हिमंत बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान राज्य में विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
पत्र में हेमंत सरकार ने हिमंत बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान पर राज्य के शीर्ष नौकरशाहों को धमकाने का भी आरोप लगाया है। सीएम सरमा और शिवराज सिंह चौहान झारखंड के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने राज्य का लगातार दौरा किया है।
जानिए हेमंत सोरेन की सरकार ने पत्र में क्या-क्या लिखा?
हेमंत सोरेन सरकार की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने पत्र लिखकर चुनाव आयोग से गुजारिश की है कि हिमंत बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान को नियंत्रित किया जाए क्योंकि दोनों नेता राज्य में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
पत्र में प्रमुखता से कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और अपने निरंतर ‘फर्जी दावों और प्रचार’ के साथ राज्य की सरकार और उसकी नौकरशाही को बदनाम कर रहे हैं।
2 सितंबर को ईसीआई को लिखे पत्र में झारखंड सरकार ने दौरे पर आए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा दिए गए झूठे बयानों का मुद्दा उठाया और पूछा कि क्या यह मेजबान राज्य के सरकारी अधिकारियों, जिनमें शीर्ष नौकरशाह भी शामिल हैं, का चरित्र हनन नहीं होगा।
पत्र में कहा गया है कि भाजपा ने ऐसे राज्य में चुनाव प्रभारी के रूप में लोगों की नियुक्त किया है, जहां अभी तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है।
झामुमो के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि दोनों नेता झारखंड राज्य के आंतरिक मामलों और प्रशासन में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने कहा- झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि चूंकि अभी झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू नहीं है, इसलिए उनके हाथ बंधे हुए हैं।
पत्र में प्रमुख सचिव (कैबिनेट सचिव और सतर्कता विभाग) वंदना दादेल के हस्ताक्षर थे। इसमें कहा गया है कि हालांकि राज्य में आदर्श आचार संहिता अभी लागू नहीं हुई है, लेकिन चौहान और सरमा को भाजपा का राज्य चुनाव प्रभारी बनाया गया है, उन्हें 17 जून को नियुक्त किया गया था और वे हर हफ्ते राज्य का दौरा करते हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस वजह से झारखंड की पूरी राज्य मशीनरी गणमान्य व्यक्तियों को जेड-प्लस सुरक्षा देने के लिए सतर्क हो गई है।
पत्र को लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना?
विपक्षी भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार पर चुनाव आयोग को कथित तौर पर एक पत्र लिखने के लिए निशाना साधा है। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “अगर उन्होंने (सरकार ने) हम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पत्र लिखा है, तो चुनाव आयोग को मेरे खिलाफ कोई फैसला या कार्रवाई करने दीजिए। हम हेमंत जी और उनकी सरकार से बस यही मांग कर रहे हैं कि वे लोगों के लिए काम करें, उनके राज में हो रहे अपराध और भ्रष्टाचार को रोकें, आबकारी कांस्टेबल भर्ती रैली के दौरान अपने बच्चों को खोने वाले गरीब परिवारों को मुआवजा दें, अवैध घुसपैठ को रोकें। इसमें गलत क्या है?”