Baby Rani Maurya: उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के आतंक ने योगी आदित्यनाथ की सरकार को परेशान कर रखा है। आदमखोर भेड़ियों के हमले में अब तक 9 बच्चों समेत 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं 30 से ज्यादा लोग घायल हैं। इन भेड़ियों के आतंक पर अब उत्तर प्रदेश की मंत्री बेबी रानी मौर्य ने ऐसा बयान दिया है, जो वायरल हो रहा है।
यूपी की मंत्री बेबी रानी मौर्य से जब भेड़ियों को पकड़ने के लिए सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘सरकार ने भेड़ियों को पकड़ने के लिए टीमें लगाई हैं। जब मिलेगा तभी तो मारेंगे। भेड़िया सरकार से ज्यादा चालाक है। इसलिए पकड़ में नहीं आ रहा है।’ ऐसे में बेबी रानी सुर्खियों में आ गई हैं। आइए जानें कौन हैं ये और इनका राजनीतिक सफर?
बेबी रानी मौर्य का भेड़िया पर दिया पूरा बयान?
बेबी रानी मौर्य ने कहा, “अब आदमखोर भेड़िया मारे ही जाएंगे, जब मिलेगा तभी मारेंगे। ऐसा तो है नहीं कि वह बैठा होगा। हमारे वन मंत्री भी लगे हुए हैं। वह आदमखोर भेड़िया जो है, कल तो हमारे वनमंत्री वहीं पर बहराइच में थे। वह आदेश नहीं दे रहे हैं बल्कि अधिकारियों के संग बैठे हुए हैं कि इन्हें मारो। सरकार भी इसको लेकर काफी संवेदनशील है कि हमारे सरकार के मंत्री हैं जो जा रहे हैं। भेड़िया तो चालाक है ही।”
who is Baby Rani Maurya: कौन हैं बेबी रानी मौर्य?
बेबी रानी मौर्य भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेता हैं और वर्तमान में मार्च 2022 से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। बेबी रानी मौर्य के पास बैचलर ऑफ एजुकेशन और मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री है।
बेबी रानी मौर्य के पति प्रदीप कुमार मौर्य हैं। जो फिलहाल पंजाब नेशनल बैंक के सलाहकार बोर्ड में कार्यरत हैं।
बेबी रानी मौर्य 26 अगस्त 2018 से सितंबर 2021 तक उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में कार्य किया है। उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने से दो साल पहले इस्तीफा दे दिया था।
Baby Rani Maurya Political Career: बेबी रानी मौर्य राजनीतिक सफर
बेबी रानी मौर्य 1990 से ही राजनीति में सक्रिय हैं। बेबी रानी मौर्य ने अपना राजनीतिक जीवन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था।
1995 में बेबी रानी मौर्य ने भाजपा के टिकट पर आगरा मेयर का चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। वह आगरा की मेयर बनने वाली पहली महिला थीं और 2000 तक इस पद पर रहीं।
1997 में बेबी रानी मौर्य को भाजपा की अनुसूचित जाति (एससी) शाखा का पदाधिकारी नियुक्त किया गया। इस विंग के पदाधिकारी के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जातियों के सदस्यों के बीच भाजपा की पहुंच को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभाली।
2001 में बेबी रानी मौर्य को उत्तर प्रदेश समाज कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया गया। 2002 में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया। जहां इन्होंने 2005 तक काम किया था।
भाजपा ने 2007 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बेबी रानी मौर्य को एत्मादपुर सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामित किया था। हालाँकि वह बहुजन समाज पार्टी के प्रतिद्वंद्वी नारायण सिंह सुमन से हार गईं।
बेबी रानी मौर्य को जुलाई 2018 में बाल अधिकार संरक्षण के लिए राज्य आयोग का सदस्य बनाया गया। बेबी रानी को 21 अगस्त 2018 को मौर्य को भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड का सातवां राज्यपाल नियुक्त किया गया। वह उत्तराखंड की राज्यपाल बनने वाली दूसरी महिला थीं।
बेबी रानी मौर्य राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने से दो साल पहले सितंबर 2021 में इस्तीफा दे दिया था। कुछ दिनों बाद, उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
बेबी रानी मौर्य यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में आगरा ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ी थीं। उन्हें मार्च 2022 में दूसरी योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री नियुक्त किया गया था।