Bihar Congress: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने छत्तीसगढ़ के दो कांग्रेस नेताओं को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया है। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को राष्ट्रीय सचिव और बिहार कांग्रेस का प्रभारी सचिव नियुक्त किया गया है।
राजेश तिवारी को भी फिर से राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है। बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव फिलहाल गिरफ्तार हैं।
बिहार के प्रभारी सचिव के रूप में देवेंद्र यादव की नियुक्ति को यादव समुदाय से समर्थन हासिल करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। उनके परिवार का बिहार से गहरा नाता है, जो अगले साल होने वाले चुनावों में फायदेमंद साबित हो सकता है।
बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव का पार्टी में कद बढ़ गया है। माना जा रहा है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल की सहमति से राहुल गांधी की मंशा के मुताबिक देवेंद्र यादव को AICC सचिव बनाया गया है, जबकि राष्ट्रीय सचिव रहे विकास उपाध्याय को उनके पद से हटा दिया गया है। वे असम के प्रभारी सचिव थे।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में कांग्रेस के युवा विधायक देवेंद्र यादव चित परिचित नाम है। देवेंद्र यादव एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से विधायक तक का सफर तय किया है।वह पहले भिलाई नगर निगम में महापौर बने,फिर साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बड़े नेता प्रेम प्रकाश पांडेय को हरकार विधायकी हासिल की। कांग्रेस पार्टी ने उनको साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाया। अपने इस पूरे करियर के दौरान उनपर कई आरोप भी लगे हैं।
(1) देवेंद्र यादव 10 जून 2024 को बलौदाबाजार में हुई आगजनी केस में जेल की सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं। वह अभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं।
(2) उन पर छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी घोटाले में भी आरोप है। इस केस में ईडी उनसे कई बार पूछताछ की है। इस प्रकरण में मार्च 2024 महीने में देवेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज भी हो चुकी है। कोल स्कैम में कार्रवाई पर देवेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
(3) विधानसभा चुनाव 2023 की वोटिंग से पहले नवंबर 2023 में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव का नाम एक कथित सेक्स एमएमएस कांड से जुड़ा था। देवेंद्र यादव ने इस वीडियो को भारतीय जनता पार्टी की साजिश बताया था। उनका कहना था कि यह छवि को खराब करने के लिए बीजेपी की तरफ से की गई साजिश है, हालांकि इसके बावजूद उन्होंने चुनाव जीत लिया था।